बिना बताए पत्नी चली गई थी दुबई, दिल्ली की कोर्ट ने पति को दी राहत; मिला तलाक
हिंदू विवाह अधिनियम तलाक की अनुमति देता है अगर पति या पत्नी में से किसी एक को याचिका दायर करने से पहले दो साल की लगातार अवधि के लिए छोड़ दिया गया हो।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पत्नी ने पति को बिना किसी उचित कारण के अकेला छोड़ दिया था। पति ने साथ रहने की लगातार कोशिशें की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसने तलाक की अर्जी दायर की। तीस हजारी पारिवारिक न्यायालय ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पति को तलाक की अनुमति दे दी, क्योंकि पत्नी अलग रहने के लिए कोई उचित कारण नहीं दे सकी थी और उनके बीच 2014 के बाद से कोई संबंध नहीं था। उनकी शादी के 21 साल हो गए थे। हिंदू विवाह अधिनियम तलाक की अनुमति देता है, अगर पति या पत्नी में से किसी एक को याचिका दायर करने से पहले दो साल की लगातार अवधि के लिए छोड़ दिया गया हो।
पारिवारिक न्यायालय ने यह भी कहा कि अगस्त 2016 में महिला अपने पति को सूचित किए बिना एक शोध कार्य के संबंध में देश छोड़कर दुबई चली गई। अदालत ने पाया कि पति की तलाक की अर्जी पर पत्नी ने लिखित बयान में यह उल्लेख नहीं किया कि वर्तमान में वह दुबई में रह रही है या नहीं। अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि याचिकाकर्ता की कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकला।
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