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दिल्ली के इस इलाके में लोगों को घर खाली करने का नोटिस, परिवारवालों में बेचैनी; कई डिप्रेशन में...

दिल्ली के बुराड़ी में सैकड़ों मकानों को 19 नवंबर तक खाली करने के प्रशासन का नोटिस थमाया गया है। नोटिस के बाद परिवारवालों की नींद उड़ी है। मकान में रहने वाले लोग चैन से सो नहीं पा रहे हैं। कई लोगों का तो खाना-पानी छूटा गया है। नोटिस की बात से मकान में रहने वाले लक्ष्मी सिंह को पता चली तो वे तनाव में आ गए।

By Jagran NewsEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Fri, 17 Nov 2023 04:40 PM (IST)
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दिल्ली के इस इलाके में लोगों को घर खाली करने का नोटिस

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बुराड़ी के पास संगम विहार और झड़ौदा-2 क्षेत्र के करीब 14 एकड़ जमीन पर बने सैकड़ों मकानों को 19 नवंबर तक खाली करने के प्रशासन के नोटिस के बाद प्रभावित परिवारों में बेचैनी और मायूसी व्याप्त है। 25-30 वर्षों से मकानों में रह रहे लोग नोटिस देखकर सन्न हैं।

हाई कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

इस बीच, प्रभावित लोगों ने नोटिस पर स्थगन आदेश के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है। किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन ने क्षेत्र में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती कर दी है। प्रभावित लोगों का कहना है कि नोटिस के बाद कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई है। दो दिन पहले नोटिस के विरोध में प्रभावित लोगों ने बाहरी रिंग रोड पर जाम लगाया था।

25-30 साल से रह रहे लोग

प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद लोग अपने घरों को लौट गए थे। दैनिक जागरण ने प्रभावित लोगों से बात की। दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर अशोक यादव ने बताया कि यह विवाद झड़ौदा माजरा के 71 बीघा और पांच बीसवा (करीब 14 एकड़) भूखंड को लेकर है। इस भूखंड पर सैकड़ों मकानों में लोग पिछले 25 से 30 साल से रह रहे हैं।

इन लोगों के पास बिजली, पानी, सीवर कनेक्शन है। उन्होंने बताया कि प्रभावित लोगों ने पैसा एकत्र कर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। लोगों ने कानूनी लड़ाई के लिए वरिष्ठ वकीलों की टीम से बात कर ली है। मकान खाली करने के नोटिस को कोर्ट में चुनौती दी जा रही है। कोर्ट से नोटिस पर स्थगनादेश का अनुरोध किया जाएगा।

यादव ने बताया कि यह बात सही है कि नोटिस कोर्ट के निर्देश के बाद जारी किए गए हैं। वे लोग चाहते हैं कि उन्हें भी अपनी बात रखने का कोर्ट में मौका मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि मकान खाली नहीं करने पर 20 नवंबर से बिजली-पानी कनेक्शन काटने की बात भी कही जा रही है। उन्होंने बताया कि झड़ौदा-2 क्षेत्र प्रधानमंत्री उदय योजना के अंतर्गत आता है।

खाना भी अच्छा नहीं लगता

डीटीसी से सेवानिवृत्त राजपाल व उनकी पत्नी जयवंती अपने 65 गज के मकान में 1993-94 से रह रहे हैं। दपंती बताते हैं कि पाई-पाई जोड़कर बड़ी मुश्किल से आशियाना बनाया। सब ठीक चल रहा था, अब अचानक मिले नोटिस के बाद इतने परेशान हैं कि खाना तक अच्छा नहीं लगता है, न रात को नींद आती है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बिजवाड़ा गांव के रहने वाले राजपाल ने बताया कि अधिकारी चुपचाप खंभे पर नोटिस चस्पा कर चले गए।

नोटिस हर व्यक्ति के पास तो भिजवाना ही चाहिए था।हमने बिजली-पानी व सीवर कनेक्शन लिया, तब जमीन के सारे कागजात विभाग में जमा कराए थे, तब क्यों नहीं सवाल किया।जब जमीन अवैध है तो पूरे इलाके में सरकार ने अपने पैसे से सड़क व सीवर लाइन क्यों डाली।

एक महीने में कई की तबीयत बिगड़ी

संगम विहार में 25 गज मकान रहने वाले मनोज ने बताया कि नोटिस की बात उनके पिता लक्ष्मी सिंह को पता चली तो वे तनाव में आ गए। 30 अक्टूबर को दिल में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वे आज तक अस्पताल में ही हैं।

मनोज ने बताया कि वे 20 साल से यहां रह रहे हैं। संगम विहार के सतीश तिवारी का कहना है कि मकान खाली करने बात सुनकर उनकी माता सदमे में आ गई और 10 नवंबर को उनका देहांत हो गया। इसी क्षेत्र के रहने वाले राजू पांडे ने बताया कि दो-तीन और लोगों की तबीयत खराब होने की उन्हें जानकारी है।

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