Move to Jagran APP

दिल्ली पुलिस को अभी तक नहीं मिले इन सवालों के जवाब, अमित शाह फेक वीडियो मामले में छह के खिलाफ वारंट

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो (Amit Shah Fake Video) को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना कांग्रेस के इंटरनेट मीडिया सेल के छह अन्य कार्यकर्ताओं को आरोपित बना उनके खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट से वारंट जारी करवा दिया है। इन्हें जांच में शामिल होने के लिए चार से अधिक बार दिल्ली पुलिस नोटिस भेज चुकी है।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 20 May 2024 06:01 PM (IST)
Hero Image
अमित शाह फेक वीडियो मामले में छह के खिलाफ वारंट।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो (Amit Shah Fake Video) को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना कांग्रेस के इंटरनेट मीडिया सेल के छह अन्य कार्यकर्ताओं को आरोपित बना उनके खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट से वारंट जारी करवा दिया है। इन्हें जांच में शामिल होने के लिए चार से अधिक बार दिल्ली पुलिस नोटिस भेज चुकी है, लेकिन ये कोई न कोई बहाना बना तेलंगाना हाईकोर्ट का गिरफ्तारी पर रोक लगाने का हवाला देकर अपने-अपने अधिवक्ताओं के जरिए पुलिस के नोटिसों का जवाब भेज जांच में शामिल होने से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

इसलिए दिल्ली पुलिस ने इनके खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट से वारंट जारी करवा लिया है। अब 12 जून को तेलंगाना हाईकोर्ट का आदेश गिरफ्तारी से रोक हटने के बाद दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर सकती है।

अभी तक नहीं मिला यह जवाब

पुलिस अधिकारी का कहना है कि आरोपितों द्वारा जांच में शामिल न होने के कारण अब तक यह पता नहीं लग पाया है कि फेक वीडियो किसने और कहां बनाया था। वीडियो किसके निर्देश पर बनाया गया और उसने किन-किन लोगों को वीडियो भेजे थे।

हैदराबाद पुलिस ने भी दर्ज किया था केस

फेक वीडियो का मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस जब जांच करने हैदराबाद पहुंची और कुछ आरोपितों की पहचान कर उनसे पूछताछ शुरू की, तभी फेक वीडियो के मामले में हैदराबाद पुलिस ने भी एक केस दर्ज कर कुछ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन चंद दिन बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई।

तेलंगाना हाईकोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक

दिल्ली पुलिस ने जब उन्हें अपने मुकदमे में गिरफ्तार करने की कोशिश की, तब उन लोगों ने तेलंगाना हाईकोर्ट का रूख कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने की गुहार लगाई। जिस पर हाईकोर्ट ने 12 जून तक के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।

बार-बार भेजा नोटिस

हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगने तक दिल्ली पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर यह जान लेना चाह रही थी कि वीडियो बनाया किसने था। इसलिए पुलिस उन्हें बार-बार नोटिस भेज जांच में शामिल होने के लिए कहती रही, लेकिन कोई भी जांच में शामिल होने नहीं आया।

तेलंगाना हाईकोर्ट का रुख किया तो...

अब 12 जून के बाद भी आरोपी अगर तेलंगाना हाईकोर्ट का रूख करेंगे, तब उन्हें संभवत: दिल्ली के कोर्ट में जाने के लिए कहा जा सकता है। पुलिस 12 जून का इंतजार कर रही है, उसके बाद आगे की कार्रवाई तेज करेगी।

भाजपा को नुकसान पहुंचाना था मकसद

जांच से यह साफ हो गया कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंचाने के मकसद से ही केंद्रीय मंत्री अमित शाह का फेक वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया गया था। लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि गृह मंत्री ओबीसी आरक्षण खत्म करना चाह रहे हैं। इस मामले में तेलंगाना कांग्रेस के इंटरनेट मीडिया सेल का काम देखने वाले सात कार्यकर्ताओं की पहचान की गई।

इन्होंने एक वॉट्सऐप ग्रुप बना रखा था, जिसमें कुछ लोग एडमिन थे। मामले में गोवा गीता व वामसी कृष्णा समेत तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश सचिव शिवा शंकर, पार्टी प्रवक्ता आसमा तस्लीम, इंटरनेट मीडिया प्रभारी माने सतीश व इंटरनेट मीडिया कन्वेनर नवीन पटेल को आरोपित बनाया गया है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।