पहलवानों के आरोप गंभीर हैं, लेकिन इस वक्त बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने से कुछ नहीं होगा; कोर्ट की टिप्पणी
Delhi Court महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपित भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan) को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें नियमित जमानत दी थी। शुक्रवार को अदालत की ओर से बृजभूषण सिंह के जमानत आदेश की विस्तृत कॉपी जारी हुई है।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Fri, 21 Jul 2023 03:01 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपित भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan) को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) से बड़ी राहत मिली थी। कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें नियमित जमानत दी थी।
अब इस मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को विस्तृत आदेश जारी किया है। इस आदेश में अदालत ने कहा है कि पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप "गंभीर" हैं, लेकिन इस वक्त उन्हें हिरासत में लेने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
नहीं पूरा होगा कोई उद्देश्य: अदालत
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने गुरुवार को पारित अपने नौ पेज के आदेश में ये टिप्पणियां की थी जो शुक्रवार को जारी किया गया है। मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने जज ने अपने आदेश में कहा, 'इस केस में आरोप बहुत गंभीर हैं। मेरी राय में जमानत की याचिका पर फैसला करते हुए निःसंदेह आरोपों की गंभीरता सबसे बड़ा विचारनीय पहलू है, लेकिन जमानत के लिए यह एकमात्र पहलू नहीं है।'जज ने आगे कहा, जब जेल में बंद विचाराधीन कैदी लंबे समय तक बिना ट्रायल के रहते हैं तो यह संविधान के आर्टिकल 21 (जीवन और निजी स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन है।
जांच में आरोपितों ने किया सहयोग
न्यायाधीश ने कहा, "किसी भी स्तर पर जांच एजेंसी ने यह आशंका व्यक्त नहीं की है कि आरोपित व्यक्ति अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास कर रहे हैं।"वहीं, न्यायाधीश ने कहा, 'अतिरिक्त लोक अभियोजक ने जमानत का विरोध भी नहीं किया है। उनकी दलील ये है कि इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाना चाहिए।'
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