Delhi: आतंकी संगठन के 3 सदस्य सबूत के अभाव में आरोपमुक्त, यासीन भटकल समेत 11 के खिलाफ आरोप तय
Delhi News सोमवार को दिल्ली एक अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के संस्थाप आसीन भटकल समेत 11 गुर्गों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं जबकि अदालत ने सबूतों के आभाव में मंजेर इमाम आरिज खान और अब्दुल वाहिद को रोपमुक्त कर दिया है।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Mon, 03 Apr 2023 01:20 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली की एक अदालत ने एनआईए को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सरगना यासीन भटकल और मोहम्मद दानिश अंसारी सहित उनके कई गुर्गों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत आरोपितों को दोषी ठहराते हुए कहा कि आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत थे, जबकि तीन आरोपितों को अदालत ने सबूतों के आभाव में आरोपमुक्त कर दिया है।
अदालत ने 31 मार्च को एक आदेश में कहा कि आरोपी इंडियन मुजाहिदीन का मुख्य चेहरा थे, जिस संगठन पर आरोप है कि भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकी घटनाओं की साजिश रची। इन पर आरोप है कि अपराधी साजिश के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों खासकर दिल्ली में बम विस्फोटों और आतंकवादी गतिविधियों के कमीशन के लिए बड़े पैमाने पर नए सदस्यों की भर्ती की। जिसमें पाकिस्तान स्थित सहयोगियों के साथ-साथ स्लीपर सेल की मदद और उनका सहयोग शामिल था।
Delhi court frames charges against Yasin Bhatkal & 10 others & noted that Bhatkal was repeatedly involved in terror activities to wage war against India.
Court says, digital data extracted from devices regarding the making of explosives, IEDs clearly show that he was involved…
— ANI (@ANI) April 3, 2023
विदेशों से मिलता था पैसा: एजेंसी
एनआईए ने अदालत को बताया कि इंडियन मुजाहिदीन के गुर्गों और उसके फ्रंटल संगठनों को अपनी आतंकवादी गतिविधियों के लिए हवाला चैनलों की ओर से विदेशों से पैसा मिल रहा था। साथ ही एजेंसी ने बताया कि आरोपी बाबरी मस्जिद, गुजरात दंगों और मुसलमानों पर अन्य कथित घटनाओं के बारे में मुस्लिम युवकों को बताते थे ताकि उनके दिमाग को आतंकवादी गतिविधियों में भर्ती करने के प्रयास में उनके दिमाग में कट्टरपंथी सोच पैदा की जा सके।अदालत ने भटकल, अंसारी, मोहम्मद आफताब आलम, इमरान खान, सैयद, ओबैद उर रहमान, असदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, मोहम्मद तहसीन अख्तर, हैदर अली और जिया उर रहमान के खिलाफ आरोप तय किए, जबकि न्यायाधीश ने मंजर इमाम, आरिज खान और अब्दुल वाहिद सिद्दीबप्पा को यह कहते हुए आरोप मुक्त कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ सबूत देने में विफल रहा।
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