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दिल्ली दंगा: देवांगना की अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा भौतिक रूप से होना पड़ेगा पेश

देवांगना कलीता ने अर्जी लगाई थी कि उसे मुकदमे से जुड़े नोट्स बंद लिफाफे में डाक के जरिये वकील को भेजने की इजाजत दी जाए। इस मामले में शनिवार को कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में सुनवाई हुई।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 31 Jan 2021 09:34 AM (IST)
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नोट्स वकील को सौंपने के लिए माना कोर्ट का प्रस्ताव

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे के मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपित पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य देवांगना कलीता की अर्जी को खारिज करते हुए शनिवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए सुनवाई में उसे भौतिक रूप से पेश होना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि उसे रियायत देकर अन्य आरोपितों से भेदभाव नहीं किया जा सकता है।

एक फरवरी से कड़कड़डूमा कोर्ट में पूरी तरह से भौतिक रूप से सुनवाई होने लगेगी। दिल्ली दंगे से जुड़े यूएपीए के तहत दर्ज मामले में दो फरवरी को सुनवाई होनी है। इस मामले में आरोपित देवांगना कलीता ने कोरोना का खतरा समेत कई कारण बताते हुए कोर्ट से मांग की थी कि उसे न्यायिक हिरासत के दौरान सुनवाई पर भौतिक रूप से पेश होने की अनिवार्यता से छूट दी जाए। उसने जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पेश होने की इजाजत मांगी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने उसकी अर्जी को खारिज कर दिया। आदेश में कहा कि उसे रियायत दी गई तो अन्य आरोपितों को भी रियायत देनी पड़ेगी।

नोट्स वकील को सौंपने के लिए माना कोर्ट का प्रस्ताव

दंगे के मामले में आरोपित देवांगना कलीता ने मुकदमे से जुड़े नोट्स अपने वकील को सौंपने के लिए कोर्ट के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इस पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने आदेश दिया है कि आरोपित जेल प्रशासन से समन्वय कर दो से छह फरवरी के बीच किसी एक दिन जेल अधिकारियों की मौजूदगी में वकील से जेल में मुलाकात कर नोट्स सौंप सकती है। इसके लिए सुबह 10 से शाम 5 बजे तक का समय तय किया है।

देवांगना कलीता ने अर्जी लगाई थी कि उसे मुकदमे से जुड़े नोट्स बंद लिफाफे में डाक के जरिये वकील को भेजने की इजाजत दी जाए। इस मामले में शनिवार को कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में सुनवाई हुई। देवांगना की तरफ से पेश वकील तुषारिका मट्टू ने कहा कि उनको नोट्स सौंपने के संबंध में कोर्ट का प्रस्ताव मंजूर है।

इस प्रस्ताव के तहत देवांगना तिहाड़ जेल अधीक्षक व वेलफेयर ऑफिसर की मौजूदगी में अपने वकील के साथ जेल में ही बैठक करेगी। जो नोट्स उसने तैयार किए हैं, उन्हें जेल अधिकारियों के पुनरीक्षण के बाद वकील को सौंपेगी।

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