'जमानत मिली तो जांच बेपटरी हो जाएगी', के. कविता की बेल का ED ने किया विरोध; कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
तिहाड़ जेल में बंद तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली की अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बीआरएस नेता के कविता ने अपने बेटे की परीक्षा के आधार पर अंतरिम जमानत याचिका की मांग की थी। वह नौ अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तेलंगाना के पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव की बेटी व भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के. कविता की अंतरिम जमानत याचिका पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा। कविता ने अपने बेटे की परीक्षा के आधार पर अंतरिम जमानत याचिका की मांग की थी।
8 अप्रैल को आएगा फैसला
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दोनों पक्षों की दलीलें को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत इसपर आठ अप्रैल को फैसला सुनाएगी। ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा होने पर जांच बेपटरी हो जाएगी। कविता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पिछली सुनवाई में उनके द्वारा दी गई दलीलों को मुख्य जमानत याचिका में इस्तेमाल किया जाए।
उन्होंने दलील दी कि उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 के प्रविधानों के तहत जमानत का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी मुवक्किल के 16 वर्षीय बेटे की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में मां की उपस्थिति की उसे आवश्यकता है, चूंकि बच्चों को परीक्षा के दौरान मां का नैतिक और भावनात्मक समर्थन होता है। मां की कमी पिता या बहन या भाई द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता।
अधिवक्ता ने कहा कि बच्चे पर मां की गिरफ्तारी का गहरा असर पड़ा है। उन्होंने परीक्षा के दौरान बच्चों पर पड़ने वाले दबाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा सत्र का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि परीक्षा का दबाव कोई काल्पनिक घटना नहीं है। उन्होंने कहा कि कविता के पति पहले से ही दिल्ली में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और बच्चा तेलंगाना में है।
ईडी ने जमानत का किया विरोध
ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पीएमएलए की धारा 45 के प्रविधानों के तहत छूट उस महिला के लिए नहीं है जो सार्वजनिक जीवन में है और राज्य की अग्रणी राजनेता है। ईडी ने कहा कि कविता के बेटे की 12 में से सात परीक्षाएं पहले ही खत्म हो चुकी हैं। ऐसा कोई सुबूत नहीं है जो बताता हो कि उनका बेटा किसी चिंता या बीमारी से पीड़ित है, ये सामान्य तर्क हैं, इसे साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं हैं। वह जवान है और अकेला नहीं है।उसका समर्थन करने के लिए उसके पिता और भाई भी हैं। ईडी की इस दलील पर सिंघवी ने कहा कि वह एक लड़का है, आदमी नहीं है। ईडी ने कहा कि कविता इस मामले में मुख्य आरोपितों में से एक है। ईडी ने तर्क दिया कि कविता रिश्वत देने के प्रमुख संचालकों में से एक है। वह अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से लाभार्थी भी है। यह केवल बयानों पर आधारित नहीं है बल्कि दस्तावेज और वाट्सएप चैट पर आधारित है, सब प्रमाणित है। ईडी ने दावा किया कि कविता ने अपने खिलाफ सुबूत नष्ट कर दिए, जिसमें उनके मोबाइल फोन के सुबूत भी शामिल हैं।
ईडी ने कहा कि उसके पास फारेंसिक रिपोर्ट है जो दिखाती है कि सुबूत कैसे नष्ट किए गए। कविता ने अपने मोबाइल फोन से सुबूत मिटा दिए। यह सब उस दिन किया गया था जब उसे समन जारी किया गया था। फेसटाइम जैसे ऐप में कोई डाटा नहीं था, 11 मार्च को कविता ने कहा कि अगली तारीख पर फोन पेश करेंगी। अगली तारीख पर उन्होंने नौ फोन पेश किए। लेकिन सबका डाटा नष्ट किया गया था। फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चलता है कि डाटा 11 मार्च के बाद नष्ट हुआ है।
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