Hate Remarks: मोहम्मद जुबैर को मिलेगी बेल या जेल, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट शुक्रवार को सुनाएगा फैसला
Mohammed Zubair दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की सत्र अदालत ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू की। उन्हें दिल्ली पुलिस ने कथित आपत्तिजनक ट्वीट मामले में गिरफ्तार किया था।
By Jp YadavEdited By: Updated: Thu, 14 Jul 2022 01:03 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विवादित ट्वीट मामले में आरोपित मोहम्मद ज़ुबैर की जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया है। अब कोर्ट शुक्रवार दोपहर दो बजे जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगा। दिल्ली पुलिस की तरफ से वरिष्ठ लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने रखा पक्ष वहीं बचाव पक्ष की तरफ से वृंदा ग्रोवर ने पैरवी की।
बता दें कि विवादित ट्वीट के मामले में आरोपित मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला मामले की सुनवाई कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को मोहम्मद जुबैर की ओर से कोर्ट में पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने विदेशी फंडिंग के दिल्ली पुलिस के आरोप से इनकार किया। उन्होंने कहा के उनके मुवक्किल द्वारा व्यक्तिगत या संगठन खाते में कोई विदेशी योगदान प्राप्त नहीं हुआ है। बचाव पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने दलीलें रखीं। बचाव पक्ष ने विदेशी चंदे की बात को नकारने के साथ ही मोबाइल सीडीआर में +92 सीरीज़ से दर्ज नंबरों पर भी सफाई दी।
बता दें कि ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को एक और झटका लगा है। हाथरस की अदालत ने मोहम्मद जुबैर को पेशी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वह साल 2018 में उसके खिलाफ दर्ज हुए दो मुकदमों में पेश होने के लिए अदालत पहुंचा था।
यहां पर बता दें कि हिंदू देवी देवताओं के बारे में आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में चल रहे मोहम्मद जुबैर की जमानत पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में बृहस्पतिवार को सुनवाई होनी है। इससे पहले ही अदालत ने एक अन्य मामले में उसे न्यायिक हिरासत में रखने की अनुमति दे दी है।
मोहम्मद जुबैर पर आरोप है कि उसने एक विशेष धर्म के भगवान की जानबूझकर अपमान करने के उद्देश्य से आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की थी। इसके बाद आरोपित के ट्वीट को री-ट़्वीट किया जा रहा था। उनके अनुयायियों व सोशल मीडिया संस्थाओं ने बढ़-चढ़कर ट्वीट को फैलाना शुरू कर दिया।
मोहम्मद जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ऐसा कार्य जिससे माहौल बिगडने और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा 295 (किसी समाज द्वारा पवित्र माने वाली वस्तु का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उधर, मोहम्मद जुबैर के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स गठित की है, जिसकी अगुवाई आइडी प्रीतिंदर सिंह करेंगे।
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