जबरन बच्ची को विदेश ले गया पति, कोर्ट ने लौटाने का आदेश वाट्सएप पर भेजने को कहा
खास बात यह है कि इस केस में कोर्ट ने ऐसा कदम उठाया है जिसे न्याय प्रक्रिया में बड़े बदलाव की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। कोर्ट ने महिला के हक में फैसला सुनाया है।
By Edited By: Updated: Sat, 04 Aug 2018 09:07 AM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रताड़ना से दुखी होकर अलग रह रही महिला ने पति पर नाबालिग बच्ची को जबरन अपने साथ विदेश ले जाने का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। खास बात यह है कि इस केस में कोर्ट ने ऐसा कदम उठाया है जिसे न्याय प्रक्रिया में बड़े बदलाव की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। कोर्ट ने महिला के हक में फैसला सुनाते हुए कहा कि पति जबरन बच्ची को अपने पास नहीं रख सकता। चूंकि दूसरा पक्ष विदेश में होने के कारण कोर्ट में पेश नहीं हुआ, लिहाजा कोर्ट ने महिला को सभी संबंधित लोगों को उनके वाट्सएप नंबर पर अदालत के आदेश की प्रति भेजने को कहा है।
तीस हजारी कोर्ट स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (महिला कोर्ट) नेहा की अदालत में अपनी बच्ची को वापस पाने के लिए दायर याचिका में महिला ने बताया है कि उनकी शादी 2006 में हुई थी, लेकिन ससुराल से उन्हें न कभी इज्जत मिली और न प्यार। दहेज के लालच में उन पर कई तरह के अत्याचार किए गए। चूंकि पति विदेश में थे तो सास और ननद हर दिन कोसती थीं।
इतना ही नहीं, ननद चाहती थी कि भाई तलाक देदे और उसकी शादी ऐसे परिवार में कराई जाए जहां से दहेज मिल सके। महिला ने याचिका में कहा है कि वह किसी तरह ससुराल में रहकर जिंदगी बसर कर रही थीं, लेकिन मार्च 2017 से अगल रहने लगीं। क्योंकि पति ने अचानक तलाक की मांग कर दी।
पति का किसी अन्य महिला के साथ संबंध था। कुछ समय पहले पति जबरन बच्ची को व उसका पासपोर्ट लेकर विदेश चले गए, जबकि बच्ची को अपने पास रखने का उनके पास कोई कानूनी आदेश नहीं है। इस दलील के बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि सक्षम अदालत के आदेश के बगैर दूसरा पक्ष बच्ची को अपने पास नहीं रख सकता। साथ ही शिकायतकर्ता को आदेश दिया कि वह इस केस में जवाबदेह सभी संबंधित लोगों को आदेश की प्रति वाट्सएप से भेज दे।
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