दिल्ली में बड़े-बड़े साइन बोर्ड दे रहे हादसे को न्योता, MCD ने शुरू की कार्रवाई; क्रेन की मदद से हटाए गए
दिल्ली में अवैध रूप से लगे बड़े-बड़े साइन बोर्ड पर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पहाड़गंज में होटलों के बाहर लगे विशाल साइन बोर्ड को क्रेन से हटाया जा रहा है। 2.5 वर्गमीटर से अधिक बड़े साइनबोर्ड लगाने की अनुमति नहीं है। व्यापारी सेल्फ साइनेज की इजाजत आनलाइन ले सकते हैं। जानलेवा भी हो सकते हैं दीवारों पर लटके साइनेज।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से बड़े-बड़े साइन बोर्ड लगाने के बाद निगम की कार्रवाई शुरू हो गई है। निगम ने दिल्ली के होटलगंज कहे जाने वाले पहाड़गंज में यह कार्रवाई शुरू की है। इसके तहत होटलों के बाहर लगाए गए विशाल साइन बोर्ड को निगम ने क्रेन के माध्यम से हटाना शुरू कर दिया है।
बृहस्पतिवार को निगम की टीम ने कार्रवाई करते हुए पांच इमारतों के साइन बोर्ड़ को हटा दिया है। अब शुक्रवार को भी कार्रवाई जारी रहेगी। इसके अलावा महिपालपुर से लेकर कमला मार्केट, लक्ष्मी नगर, विकास मार्ग, करोल बाग, राजेंद्र नगर, केशवपुरम, लाजपत नगर, ग्रेटर कैलाश समेत कई मार्केट और बड़े व्यावसायिक मार्गों पर यह कार्रवाई होनी है।
2.5 वर्गमीटर से अधिक बड़ा साइनबोर्ड लगाने की अनुमति नहीं
नियमानुसार 2.5 वर्ग मीटर तक के साइनेज को ही निशुल्क लगाने की अनुमति होती है। इससे बड़ा साइनेज लगाने की इजाजत लेनी होती है। जिसका शुल्क भी प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से तय है। नागरिक आनलाइन निगम की वेबसाइट से इसकी मंजूरी ले सकते हैं लेकिन,व्यापारी ऐसा नहीं करते हैं। जिसकी वजह से निगम को आर्थिक नुकसान होता है।
ऐसे ही लोगों को चिह्नित करने कार्य और उस पर कार्रवाई निगम समय-समय पर करता रहता है। इसी के तहत यह कार्रवाई की गई है। अधिकारी ने कहा कि व्यापारी किसी भी परेशानी से बचने के लिए सेल्फ साइनेज की इजाजत आनलाइन ले सकते हैं।
जानलेवा भी साबित हो सकते हैं दीवारों पर लटके साइनेज
तेज हवा और वर्षा में बड़े-बड़े आकार के लगे साइनेज जानलेवा भी हो सकते हैं, क्योंकि यह साइनेज इमारतों पर लगाए गए लोहे के एंगिल पर लटका दिए जाते हैं। अक्सर देखने में आता है कि हवा तेज होने पर ऐसे साइनेज गिर जाते हैं। साथ ही इमारत के छज्जे का भी गिरने का खतरा रहता है। जबकि इन्हें मजबूती से लटकाया जाना चाहिए। जब सेल्फ साइनेज की अनुमित निगम देता है तो कार्रवाई इसका ढांचागत मजबूती का प्रमाण पत्र लेता है तब ही इसकी इजाजत जारी करता है।
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