Delhi Crime: अंजलि के जाने से परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, बहन को पैरों पर खड़ा कर शादी करना चाहती थी मृतका
दिल्ली कंझावला मामले में अंजलि अपनी छोटी बहन को पढ़ा-लिखाकर उसे पैरों पर खड़ा करके अपनी शादी करने का सपना संजोकर बैठी थी। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि सपने पूरे होने से पहले ही वह अपने भाई-बहनों व मां को छोड़कर दुनिया से चली जाएगी।
By Sonu RanaEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Fri, 06 Jan 2023 11:48 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सुल्तानपुरी मामले में अंजलि अपनी छोटी बहन को पढ़ा-लिखाकर, उसे पैरों पर खड़ा करके अपनी शादी करने का सपना संजोकर बैठी थी। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि सपने पूरे होने से पहले ही वह अपने भाई-बहनों व मां को छोड़कर दुनिया से चली जाएगी।
मां और भाई-बहनों का पेट भरने वाली अंजलि के चले जाने से अब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जिस गली में अंजलि की हंसी गुंजती थी, अब उसमें सिर्फ उसकी यादें रह गई हैं। अंजलि की मां भी बच्चों को लेकर नानी के घर मंगोलपुरी में चली गई है।घर के बाहर ताला लटका रहता है।
अंजलि के पड़ोसियों ने क्या कहा?
शुक्रवार को जागरण टीम जब किराड़ी के करण विहार स्थित अंजलि की गली में पहुंची तो वहां पर अंजलि के पड़ोसी आग सेक रहे थे।रवि, सुमन, पूजा समेत अंजलि के पड़ोसियों ने बताया कि अंजलि को सभी प्यार से भट्टो के नाम से बुलाते थे।दिन भर वह घर के बाहर चबूतरे पर बैठकर बातें करते थे।मजाक में अंजलि से कहते थे, ‘भट्टो शादी कर ले, अब तेरी शादी की उम्र हो गई है। अब नहीं तो कब शादी करेगी।’इस पर अंजलि का कहना होता था कि उसकी छोटी बहन अंशिका नौवीं कक्षा में पढ़ती है। पहले उसको पढ़ा-लिखाकर पैरों पर खड़ा करेगी। ताकि उसके जाने के बाद अंशिका बीमार मां की देखभाल कर सके। इसके बाद वह शादी करेगी।पड़ोसियों ने बताया कि अंजलि की मां की तबीयत अक्सर खराब हो जाती है ।एक बार तो उसकी मां शौचालय में ही बेहोश हो गई थी। इस दौरान अंजलि ही उनकी देखभाल करती थी। चाहे आधी रात हो वही मां को लेकर अस्पताल जाती थी। उनके इलाज का खर्च भी अंजलि ही उठाती थी।यह भी पढ़ें- Delhi Kanjhawala Case: कंझावला मामले के सातवें आरोपित ने किया सरेंडर, खुद चलकर पुलिस स्टेशन आया आरोपी अंकुश