Delhi Crime News: 4जी इंटरनेट लगाने का काम मिलने का झांसा देकर पंजाब, यूपी और हरियाणा में सैकड़ों से की 85 लाख की ठगी
देवेंद्र को उनके जाली त्याग पत्र के आधार पर निदेशक पद से हटा भी दिया गया। साथ ही उनके 1500 शेयर भी जाली हस्ताक्षर के आधार पर हस्तांतरित कर लिए थे। जांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने शमशेर को 28 मई को उसके घर से दबोच लिया।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Wed, 01 Jun 2022 01:57 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 85 लाख रुपये की ठगी के मामले में ध्रुव इन्फ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक शमशेर कौशिक को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने पीड़ितों को पंजाब, यूपी और हरियाणा में रिलायंस टावर में 4जी इंटरनेट लगाने का काम मिलने का झांसा दिया था। इसके लिए उसने पीड़ितों को निवेश करने पर बड़ा रिटर्न देने का वादा किया था, लेकिन निवेश करने पर मूलधन तक वापस नहीं किया।
संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के मुताबिक स्वामी दयानंद कालोनी, किशनगढ़, दिल्ली निवासी शमशेर 1989 में सीआरपीएफ में बतौर सिपाही भर्ती हुआ था। 2011 में उसने सेवा से वीआरएस ले लिया था और उसके बाद मेसर्स ध्रुव इन्फ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्म बना लिया। बिंदापुर थाने में इसके खिलाफ इसी तरह की ठगी के दो मामले दर्ज हैं। गोहाना, सोनीपत निवासी देवेंद्र कुमार, संजय कुमार, भरथरी और संदीप मलिक ने दिल्ली पुलिस में शिकायत कर आरोप लगाया था वे शमशेर कौशिक और उसके सहयोगी अवध किशोर से 2012 में वजीर सिंह के माध्यम से मिले थे।
आरोपितों ने झांसा दिया था कि उन्हें पंजाब, यूपी और हरियाणा में रिलायंस टावर में 4जी इंटरनेट लगाने और डीजल भरने का काम मिला है। उनके व्यवसाय में निवेश करने पर उन्हें उच्च रिटर्न मिलेगा। शिकायतकर्ताओं ने उनके कार्यालय में नकद के साथ-साथ बैंकिंग चैनल के माध्यम से 85 लाख निवेश किए। निवेश करने पर शमशेर ने अपनी कंपनी में देवेंद्र सिंह को निदेशक बना दिया, साथ ही उन्हें 1500 शेयर भी जारी किए गए।
संजय को यूपी परियोजना के लिए सभी अधिकारिक पत्राचार पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत किया गया, लेकिन आरोपितों ने न तो शिकायतकर्ताओं को उनके द्वारा किए गए वादे के अनुसार कोई काम दिया और न ही उनके पैसे वापस किए। बाद में देवेंद्र को उनके जाली त्याग पत्र के आधार पर निदेशक पद से हटा भी दिया गया। साथ ही उनके 1500 शेयर भी जाली हस्ताक्षर के आधार पर हस्तांतरित कर लिए थे। जांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने शमशेर को 28 मई को उसके घर से दबोच लिया। ठगी के मामले में शामिल अन्य आरोपितों की पुलिस तलाश कर रही है।
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