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Delhi Crime: महिला का शव खेत में फेंकने के मामले में नया खुलासा, नाम बदलकर आरोपित महिलाओं से बढ़ाता था नजदीकी

पिछले वर्ष मार्च में हिंदू महिला का अपहरण कर बुलंदशहर में हत्या कर शव खेत में फेंकने के मामले में गिरफ्तार किए गए मोहम्मद शाकिर अली और फैज अहमद से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।

By Dhananjai MishraEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Thu, 19 Jan 2023 09:48 PM (IST)
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मुख्य आरोपित शाकिर हिंदू महिलाओं का इस्तेमाल करने के लिए हिंदू बन गया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विगत वर्ष मार्च में हिंदू महिला का अपहरण कर बुलंदशहर में हत्या कर शव खेत में फेंकने के मामले में गिरफ्तार किए गए मोहम्मद शाकिर अली और फैज अहमद से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।

मुख्य आरोपित शाकिर हिंदू महिलाओं का इस्तेमाल करने के लिए हिंदू बन गया था। उसने अपना नाम राजेश रख लिया था और राजेश नाम से एसडीएम कार्यालय से मतदाता पहचान पत्र और पैन कार्ड भी बनवा लिया था। फर्जी कागजातों के जरिये उसने कर्ज पर स्कूटी और बैलेनो कार खरीदी थी। इसकी किस्त भी उसने नहीं दी थी और चोरी की झूठी एफआइआर दर्ज करा दी थी, ताकि उसे कर्ज न चुकाना पड़े।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह सीरियल किलर और ठग चार्ल्स शोभराज पर आधारित फिल्म देखकर प्रभावित हुआ था। इसके बाद उसने तीन-चार हिंदू महिलाओं से नजदीकियां बढ़ाई थीं और उनसे रुपये ऐंठता था। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपित कई वेश्याओं के संपर्क में भी रहा है और वह उनके साथ दलाल के तौर पर काम करता था। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि कहीं उसने अन्य महिलाओं की हत्या तो नहीं की।

फ्लैट पर कब्जा करने के लिए की सुशीलावती कि हत्या

शाकिर ने राजेश बनकर पूर्वी दिल्ली के जीटीबी एनक्लेव में रहने वाली सुशीलावती से संपर्क किया था। उसने सुशीलावती के फ्लैट को किराये पर ले लिया था। वह वहां पर अपनी मां, दो बेटों और एक बेटी के साथ रह रहा था। सुशीलावती से नजदीकियां बढ़ाकर शाकिर ने 25 लाख में उनका फ्लैट खरीदने की बात की। बाद में महज डेढ़ लाख रुपये देकर महिला से उसके फ्लैट का कब्जा ले लिया था। खुद का घर होने के बावजूद महिला को किराये के मकान रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। पीड़िता ने जब पैसे देने का दबाव बनाया तो उसने महिला की हत्या करने की साजिश रची।

नशीला पदार्थ पिलाकर मारी गोली

साजिश के तहत आरोपित विगत तीन मार्च को फ्लैट का पूरी भुगतान करने के बहाने सुशीलावती को कार में बैठाकर बुलंदशहर ले गया। इस दौरान उसका दोस्त फैज अहमद भी साथ था। दोनों ने सुशीलावती को रास्ते में नशीला पदार्थ पिलाया और बुलंदशहर के चोला क्षेत्र के खेत में सुशीलावती को गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद वे शव को वहीं छोड़कर फरार हो गए। शव बरामद होने पर इस मामले में चोला थाने में विगत 12 मार्च को हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई थी, लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाई थी, जिसके बाद पुलिस ने अंतिम संस्कार करा दिया था।

भाई ने दर्ज कराई थी अपहरण की एफआइआर

सुशीलावती दयालपुर अकेली रहती थी। उनके पति विनोद कुमार उनसे अलग रहते हैं। सुशीलावती की जहांगीरपुरी और भलस्वा में भी संपत्ति थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित सुशीलावती की अन्य संपत्ति पर भी कब्जा करना चाहते थे। सुशीलावती के गायब होने के नौ माह बाद उनके भाई चेतन ने अदालत के जरिये पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाने में विगत 12 दिसंबर को अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया।

कार चोरी की एफआइआर से हुई गिरफ्तारी

आरोपितों ने कर्ज पर ली गई कार व स्कूटी की चोरी की एफआइआर दर्ज करवाई थी, जिसपर उत्तरी जिला पुलिस का स्पेशल स्टाफ काम कर रहा था। विगत 16 जनवरी को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग चोरी की स्कूटी और कार पर घूम रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने यमुनापार में खजूरी खास इलाके में छापेमारी कर शाकिर और फैज को गिरफ्तार कर लिया था। इनसे पूछताछ में सुशीलावती की हत्या का मामला सामने आया।

आरोपितों पर दर्ज हैं पहले से कई मामले

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपित मोहम्मद शाकिर गाजियाबाद के डीएलएफ भोपुरा का रहने वाला है। उसपर लक्ष्मी नगर थाने में एक आपराधिक मामला दर्ज हैं। वहीं, फैज अहमद पर बिजनौर जिले में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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