दिल्ली महिला आयोग ने अपने सभी संविदा कर्मियों को हटाया, सहायक सचिव ने जारी किया आदेश
दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने अपने सभी संविदा कर्मचारियों (Contractual Employees ) को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। डीसीडब्ल्यू के सहायक सचिव ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है। दिल्ली एलजी की मंजूरी के साथ डब्ल्यूसीडी मंत्रालय के अप्रैल 2024 के आदेश के अनुपालन में यह आदेश पारित किया गया है। DCW ने किसी भी समय लगाए गए संविदा कर्मचारियों को हटाया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू, DCW) ने अपने सभी संविदा कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। उपराज्यपाल की मंजूरी के साथ डब्ल्यूसीडी मंत्रालय के अप्रैल 2024 के आदेश के अनुपालन में ये आदेश पारित किया गया है।
संविदा कर्मचारियों (Contractual Employees) भर्ती के दौरान नियमों के उल्लंघन के आरोप के बाद ये फैसला लिया गया है।आयोग के सहायक सचिव गौतम मजूमदार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि आयोग में अब तक कार्य रहे संविदा कर्मचारी भले ही किसी भी समय नियुक्त हुए हो सभी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाता है। आयोग ने लगभग 45 संविदा कर्मचारियों को हटाया है। इनमें कुछ वर्ष 1990 से यहां कार्य कर रहे थे।
स्वाति मालीवाल उठा चुकी हैं मुद्दा
दिल्ली महिला की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल बतौर अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद भी इस मुद्दों को गंभीरता से उठा चुकी हैं। उन्होंने अप्रैल 2024 में, डब्ल्यूसीडी विभाग द्वारा आयोग में कार्यरत अपने सभी संविदा कर्मचारियों को तुरंत हटाने के आदेश का विरोध किया था।अगर पहले लागू करते तो...
हालांकि, तब आयोग ने निर्णय को लागू नहीं किया, क्योंकि इससे इसके कामकाज में पूरी तरह से बाधा उत्पन्न हो जाती। उन्होंने कहा था कि बीते आठ वर्षों से आयोग को नियमित कर्मचारी उपलब्ध कराने के बजाय, डब्ल्यूसीडी विभाग ने मौजूदा कर्मचारियों को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है इससे आयोग का कामकाज पूरी तरह ठप हो जाएगा।
उपराज्यपाल ने मई में दिया था आदेश
इससे पहले उपराज्यपाल ने मई माह में भी दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दे दिया था। आरोप था कि डीसीडब्ल्यू की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना अनुमति के इन कर्मचारियों की नियुक्ति की थी।टूटी सड़कें, उड़ती धूल से प्रदूषण के साथ दुर्घटना का खतरा
ष्ट्रीय राजधानी की कई सड़कों की हालत जर्जर हो गई है। सर्वे और गड्ढा भरने के बयानबाजी के बीच हालत जस की तस है। टूटी सड़कों से गुजरते वाहन और उड़ती धूल की वजह से वायु प्रदूषण की स्थिति और भी बिगड़ रही है। न तो ये गढ्ढे भरे जा रहे हैं और न ही नियमित सफाई हो रही है।
इससे दिल्लीवासियों की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। यही हाल नई दिल्ली व मध्य दिल्ली क्षेत्र की अंदरुनी सड़कों का भी है। सर्वाधिक आवाजाही वाले इस क्षेत्र में जाम और गंतव्य तक पहुंचने के लिए वाहन अंदरुनी सड़कों से बड़ी संख्या गुजरते हैं। लेकिन इन मार्गों से हिचकोले खाते वाहन धूल उड़ाते हुए निकलते हैं।
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