Delhi: सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन के पास से अवैध भोजनालयों को बंद करने की मांग, HC ने दिया सर्वे का आदेश
Delhi दिल्ली उच्च न्यायालय ने सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्ते पर मौजूद अवैध भोजनालयों के बंद करने वाली याचिका पर सुनाई करते हुए पुलिस के फायर विभाग और एमसीडी को इलाके का संयुक्त सर्वे कर रिपोर्ट दायर करने को कहा है।
एजेंसी। दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क पर बने भोजनालय द्वारा सड़क पर अवरोध पैदा करने के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस के फायर विभाग और एमसीडी को रेलवे स्टेशन के पास के इलाके का संयुक्त सर्वे कर रिपोर्ट दायर करने को कहा है। कोर्ट ने पुलिस से यह भी सुनिश्चित करने के कहा कि भोजनालयों के कारण सड़कों पर अवरुद्ध न हो। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दावा किया कि अवैध भोजनालयों का संचालन आवासीय क्षेत्र में रुकावट बन रहा है।
पुलिस सुनिश्चित करे पैदा न हो रुकावट
हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि संयुक्त सर्वेक्षण के बाद, अधिकारी एक रिपोर्ट दाखिल करेंगे और बताएंगे कि वहां के निवासियों को किसी भी खतरे या असुविधा का सामना न करना पड़े इस मामले में क्या कदम उठाए गए हैं। न्यायमूर्ति प्रतिभा एस सिंह ने कहा कि यदि भोजनालय सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा कर लेते हैं तो यह सुनिश्चित कराना पुलिस का काम है कि उस जगह पर रुकावट पैदा न हो, वाहन गुजर सकें, दमकल की गाड़ियों के लिए रास्ता हो और लोग अच्छे से चल सकें।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन के सामने रहने वाले पूरन चंद की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जहां क्षेत्र में चल रहे अवैध भोजनालयों को बंद करने की मांग की गई थी, क्योंकि वह आवासीय क्षेत्र की शांति भंग कर रहे हैं और उपद्रव पैदा करते हैं।
फुटपाथ का इस्तेमाल कर रहे हैं वेंडर्स: याचिकाकर्ता
उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि वेंडर्स बिना किसी फायर की सुरक्षा और प्रदूषण के नियमों का पालन किए अपने भोजनालयों के लिए तंदूर और चूल्हा भट्टी के लिए फुटपाथ, सार्वजनिक जगहों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे आसपास के निवासियों के जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा, जब उन्होंने ढाबा मालिकों की सच्चाई सामने रखी तो उसने उन्हें धमकी दी और कहा कि सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन यह एक ही सड़क जाती है। वहीं, इस मामले में कोर्ट के सामने अरुण पवार ने दिल्ली सरकार का पक्ष सामने रखा था।
वेंडर्स के पास नहीं कोई फायर लाइसेंस
रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि भोजनालयों के वेंडर्स के पास कोई फायर लाइसेंस नहीं पाया गया और उन्हें चालान जारी किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें फायर सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा और उन्हें फायर सुरक्षा प्रमाणपत्र के लिए आवेदन भी करना होगा। अब इस उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई 4 मई को होगी।
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