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दिल्ली मेट्रो ने रचा इतिहास, सिर्फ 5 माह में तैयार हुई सुरंग; गोल्डन लाइन पर कहां तक दौड़ेगी TRAIN

Delhi Metro Update दिल्ली मेट्रो ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन DMRC ने गोल्डन लाइन पर सिर्फ साढ़े पांच माह में सुरंग बनाकर तैयार कर ली है। यह राजधानी की जनता के लिए खुशखबर है क्योंकि इस रूट पर तेजी से काम चल रहा है। पढ़िए आखिर गोल्डन लाइन पर मेट्रो में कहां तक सफर करने का मौका मिलेगा?

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 21 Aug 2024 07:33 PM (IST)
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गोल्डन लाइन पर सुरंग बनकर तैयार हो गई। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। डीएमआरसी DMRC (दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन) ने मेट्रो लाइन निर्माण में बड़ी कामयाबी हासिल की है। दिल्ली मेट्रो ने गोल्डन लाइन (Golden Line) पर छतरपुर और छतरपुर मंदिर स्टेशन के बीच सुरंग का काम पूरा कर लिया है। यह काम पूरा होने पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को साइट का दौरा किया।

गोल्डन लाइन पर 865 मीटर लंबी सुरंग को बनाया गया

डीएमआरसी के चौथे चरण के तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत छतरपुर और छतरपुर मंदिर स्टेशन के बीच सुरंग निर्माण का कार्य पूरा किया गया। चौथे चरण के तहत 97 मीटर लंबी टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) के द्वारा गोल्डन लाइन पर 865 मीटर लंबी सुरंग को साढ़े पांच महीने में बनाया गया। टीबीएम को टनल के अंदर से बाहर निकाल लिया गया है। यहां पर अप-और डाउन मूवमेंट के लिए दो समानांतर वृत्ताकार सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।

रिकॉर्ड समय में यह उपलब्धि हासिल की

यह एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का हिस्सा है। इस रूट पर अन्य समानांतर सुरंग का कार्य भी चल रहा है, जो इस वर्ष सितंबर तक पूरा हो जाएगा। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली मेट्रो Delhi Metro ने सिर्फ साढ़े पांच महीने के रिकॉर्ड समय में यह उपलब्धि हासिल कर ली।

उन्होंने कहा कि ऐसे इवेंट जनता को दिखाने चाहिए, ताकि उन्हें पता चल सके कि संबंधित प्रोजेक्ट में कितनी मेहनत की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे इवेंट को अगली बार सारे स्टेशन और बड़े चौराहों पर स्क्रीन लगाकर पर जनता को दिखाया जाएगा।

दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों तक पहुंचेगी मेट्रो

छतरपुर और छतरपुर मंदिर के बीच जिस नए मेट्रो रूट पर यह सुरंग बनाई गई है, उसे एयरोसिटी से तुगलकाबाद के बीच बनाया जा रहा है। यह लाइन कश्मीरी गेट से राजा नाहर सिंह कॉरिडोर (वायलेट लाइन) Violet Line को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन से जोड़ेगी। इस रूट पर कुल 15 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।

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वहीं, इस रूट के बन जाने से दिल्ली मेट्रो, दक्षिण दिल्ली के उन इलाकों में भी पहुंच जाएगी, जहां से मेट्रो अब तक दूर है। 23.62 किलोमीटर लंबी इस लाइन को गोल्डन कलर कोड दिया गया है, यानी इस रूट पर चलने वाली मेट्रो को गोल्डन लाइन कहा जाएगा।

सुरक्षा सावधानियों के बीच पूरा किया सुरंग का काम

दिल्ली मेट्रो ने वायाडक्ट के नीचे सुरंग का निर्माण करते समय सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरती गईं हैं। आसपास की संरचनाओं पर अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों के साथ जमीनी हलचलों की निगरानी की गई। इन उपायों के साथ यह सुनिश्चित किया गया कि कहीं भी सुरक्षा से कोई समझौता न हो।

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चौथे चरण के तहत 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनों का निर्माण

डीएमआरसी के अनुसार, अब तक मंजूर किए गए चौथे चरण के तहत 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जाएगा। इस कॉरिडोर में 19.343 किलोमीटर के भूमिगत रूट होंगे। तीसरे चरण में करीब 50 किलोमीटर भूमिगत रूट बनाए गए थे।

ये हैं सुरंग से जुड़े प्रमुख बिंदु

- सुरंग का निर्माण करीब 15 मीटर की गहराई पर किया गया है।

- सुरंग में लगभग 618 रिंग लगाए गए हैं। इसका व्यास 5.8 मीटर है।

- निर्माण कार्य में 66 केवी विद्युत एचटी लाइन को स्थानांतरित करने जैसी विभिन्न चुनौतियां थी।

- दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन पर मेट्रो ट्रेन संचालन को बिना बाधित किए मौजूदा येलो लाइन वायाडक्ट के नीचे टीबीएम को पार किया गया।

- सुरंग का निर्माण ईपीबीएम (पृथ्वी दबाव संतुलन प्रणाली) की प्रौद्योगिकी के साथ किया गया है।

- यहां मुंडका की तरह मैकेनाइज्ड कास्टिंग यार्ड में सुरंग के रिंग बनाए गए हैं। इन कंक्रीट खंडों को मजबूती प्राप्त करने के लिए भाप शोधन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया।

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