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Delhi Doctors Strike: लोक नायक अस्पताल की ओपीडी बाधित, बिना उपचार के लौटे मरीज

कोलकाता के अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना को लेकर देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की गई थी। लोकनायक अस्पताल में आधे मरीज ही ओपीडी और इमरजेंसी में पहुंचे। गंभीर मरीज ओपीडी में पहुंच रहे थे उन्हें इमरजेंसी में भेजा जा रहा था। अस्पताल में ओपीडी और इमरजेंसी मिलाकर 3715 मरीज ही पहुंचे। रोजाना छह हजार से अधिक मरीज ओपीडी में मरीज इमरजेंसी में पहुंचते हैं।

By uday jagtap Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 12 Aug 2024 07:54 PM (IST)
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डॉक्टरों के देशव्यापी हड़ताल के कारण लोक नायक अस्पताल की ओपीडी बाधित।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोलकाता के अस्पताल में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या से आक्रोशित डॉक्टरों की हड़ताल का असर लोकनायक और जीबी पंत अस्पताल में दिखाई दिया। रोजाना अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। लेकिन, जूनियर डॉक्टरों के काम न करने से मरीजों को बिना उपचार के लौटना पड़ा।

लोकनायक अस्पताल में आधे मरीज ही ओपीडी और इमरजेंसी में पहुंचे। गंभीर मरीज ओपीडी में पहुंच रहे थे, उन्हें इमरजेंसी में भेजा जा रहा था। अस्पताल में ओपीडी और इमरजेंसी मिलाकर 3,715 मरीज ही पहुंचे। रोजाना छह हजार से अधिक मरीज ओपीडी में और एक हजार मरीज इमरजेंसी में पहुंचते हैं।

मरीज की सर्जरी नहीं हो पाई

दरियागंज से लोक नायक अस्पताल में उपचार के लिए आए मरीज सोनू ने बताया कि उनके घुटने में चोट लग गई थी। उनको सोमवार को सर्जरी के लिए बुलाया गया था। लेकिन, सर्जरी से इनकार कर दिया और दोबारा आने की तारीख भी नहीं बताई गई। सोनू ने कहा कि दवाई लेने के लिए लाइन में लगे हैं। अब 15 अगस्त के बाद ही आएंगे। ताकि उनकी सर्जरी हो सके।

प्रसूति रोग विभाग की ओपीडी में उपचार के लिए आईं रुखसाना ने बताया कि सुबह ओपीडी में पर्चा बन गया था। इसके बाद वे दिखाने गईं थीं। उन्हें ईसीजी कराने के लिए डाक्टर ने बोला था। लेकिन, जब वे ईसीजी कराने के बाद रिपोर्ट लेकर ओपीडी में पहुंची तो वहां कोई नहीं मिला। एक घंटे इंतजार करने के बाद उन्हें इमरजेंसी में जाने को कह दिया गया।

अमरोहा से आए मरीज को हुई परेशानी

उन्होंने कहा कि इमरजेंसी कहां हैं, उन्हें यह भी नहीं पता है। चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो चुकी हैं, लेकिन कोई उपचार करने के लिए तैयार नहीं है। अमरोहा से बेटे के उपचार के लिए मुकेश ने बताया कि आठ वर्षीय बेटे को पेशाब में समस्या है। उसके उपचार के लिए आया हूं। पहले मना कर दिया था कि हड़ताल के चलते देखा नहीं जाएगा। लेकिन, काफी देर से इंतजार कर रहा हूं।

डॉक्टर ने आश्वासन दिया है कि वे बच्चे को देखेंगे। लोक नायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा, हड़ताल का असर रहा है। लेकिन, अस्पताल प्रशासन की ओर से इमरजेंसी सेवाओं को जारी रखा गया। सीनियर फैकल्टी को मरीजों का उपचार करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन्हें ज्यादा परेशानी है, वे इमरजेंसी में आकर उपचार ले सकते हैं।

जांचें भी नहीं हुईं, अगले दिन आने को कहा

लोक नायक अस्पताल के एक्सरे और अल्ट्रासाउंड का काउंटर बंद रहा। अमूमन यहां भीड़ होती है, लेकिन सोमवार को तीमारदार परिसर में खाली बैठे हुए थे। एक्सरे की जांच के लिए सदर बाजार से आए समीर ने बताया कि पता नहीं था कि हड़ताल है, यहां आकर मालूम चला कि एक्सरे नहीं हो रहा है। एक महीने बाद एक्सरे का नंबर आया था। अब दोबारा कब मौका मिलेगा मालूम नहीं है। अगले दिन आने को बोला, तो एक चक्कर जरूर लगाउंगा।

सिर्फ दवाएं ही मिल रहीं थीं

लोक नायक अस्पताल में हड़ताल के बीच दवाओं का वितरण सुचारू रूप से होता रहा। प्रतिदिन की तरह दवा लेने के लिए मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं। दवा लेने के लिए कतार में लगे सलमान ने बताया कि पुराने पर्चे पर दवा लेने आया हूं। आज यहां दवा ही मिल रही है, मरीजों का उपचार नहीं हो रहा है।

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