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Delhi: पालम से दिल्ली कैंट के बीच जाम की समस्या से त्रस्त हुए चालक, घंटों जाम में बीत रहा स्कूली बच्चों का समय

सड़कों पर वाहनों के बढ़ रहे दबाव व यातायात पुलिस की सुस्ती के कारण पालम फ्लाईओवर से दिल्ली छावनी स्थित रक्षा संपदा भवन तक करीब पांच किलोमीटर का हिस्सा व्यस्त समय के दौरान जाम की चपेट में रहता है।

By Manisha GargEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Wed, 05 Apr 2023 07:54 PM (IST)
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पालम से दिल्ली कैंट के बीच घंटों तक लग रहा है जाम
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सड़कों पर वाहनों के बढ़ रहे दबाव व यातायात पुलिस की सुस्ती के कारण पालम फ्लाईओवर से दिल्ली छावनी स्थित रक्षा संपदा भवन तक करीब पांच किलोमीटर का हिस्सा व्यस्त समय के दौरान जाम की चपेट में रहता है। यह हाल तब है जब दक्षिण-पश्चिमी व पश्चिमी दिल्ली की करीब 20 लाख से अधिक आबादी रोजाना इस रास्ते से गुजरती है।

एयरपोर्ट को इस क्षेत्र से जाेड़ती है। जाम के कारण सुबह-शाम आधा से एक घंटे का समय लोगों का इस जाम में बीत रहा है। प्रभावितों में नौकरीपेशा से लेकर स्कूली बच्चे तक शामिल हैं। स्थिति तब ऐसी है जब इस रूट पर मेट्रो की भी सुविधा है। जाम के कारण न सिर्फ ईंधन का भारी नुकसान हो रहा है बल्कि वायु प्रदूषण की समस्या भी इस क्षेत्र में बढ़ गई है। हरित क्षेत्र होने के कारण जो कि पहले यह समस्या नहीं थी।

फ्लाईओवर की चौड़ाई है कम 

महावीर एन्क्लेव की तरफ से आने वाला वाहनों का हुजूम, इसमें निजी वाहनों के साथ स्कूली बस भी शामिल है, सर्विस लेन से पालम फ्लाईओवर पर चढ़ता है। दूसरा मंगलापुरी की तरफ से आने वाले वाहन भी दिल्ली कैंट जाने के लिए यही से फ्लाईओवर पर चढ़ते है। पर यहां फ्लाईओवर की चौड़ाई कम है और उस पर से फ्लाईओवर के ऊपर बेघर लोगों का जमघट जमा रहता है।

इसके चलते वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगता है और धीरे-धीरे जाम की समस्या खड़ी हो जाती है।वही कुछ वाहन चालक पालम से फ्लाईओवर पर चढ़ते है और यहां भी फ्लाईओवर की चौड़ाई उतनी अधिक नहीं है। इसके अलावा यहां फ्लाईओवर की तरफ जाने वाली सड़क जर्जर है। उधर, पालम रेलवे स्टेशन पर ट्रैन के परिचालन के कारण काफी देर चालकों को इंतजार करना पड़ता है।

ऐसे में चालक फ्लाईओवर के इस्तेमाल पर अधिक जोर देते है। सुबह सात बजे से ही यहां जाम की समस्या खड़ी हो जाती है, जो दस बजे तक बनी रहती है। देखते ही देखते मंगलापुरी, द्वारका सेक्टर-1, पालम की मुख्य सड़कें व गलियां पूरी तरह से जाम की जद में आ जाती है। स्थिति यह हो जाती है कि स्थानीय लोग छोटे-मोटे काम के लिए वाहन लेकर भी घरों से नहीं निकल पाते है। वाहन के हार्न के शोर से न सिर्फ स्थानीय निवासी बल्कि चालक खुद परेशान हो जाते है।

चालकों ने बताया कि एक तरफ पेट्रोल व सीएनजी की कीमतें आसमान छू रही है और जाम के कारण दो गुना गैस व पेट्रोल की बर्बादी हो रही है। इससे हमें आर्थिक व मानसिक दोनों रूपों में नुकसान हो रहा है। जाम के कारण कई बार लोगों की फ्लाइट तक छूट जाती है, क्योंकि आइआइजी की तरफ जाने वाली यह मुख्य सड़क है। स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि कई बार रात को 11 बजे तक भी लोग यहां जाम में फंसे रहते हैं।

नौकरीपेशा लोगों के समय में हो बदलाव

यातायात पुलिस अधिकारियों की माने वर्ष 2010 में पालम फ्लाईओवर का निर्माण हुआ था, उस समय वाहनों की संख्या सड़कों पर कम थी और महज 15 मिनट में चालक धौला कुआं तक पहुंच जाता था। पर फिलहाल दिल्ली में देश की अन्य मेट्रोपोलिटन राज्यों से अधिक वाहन पंजीकृत है और इस कारण दिल्ली में जाम एक बड़ी व भयावह समस्या है।

पालम से दिल्ली कैंट तक जाम की समस्या को कम करने के लिए दो स्तर पर प्रयास किया जा सकता है। पहला नौकरीपेशा लोगों के कार्यालय के समय में बदलाव किया जाए या उन्हें वर्क फ्राम होम की सुविधा दी जाए। इसके लिए मल्टीनेशनल कंपनियों को पहल करने की जरूरत है। इससे सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा और जाम से भी राहत मिलेगी। दूसरा पालम रेलवे स्टेशन के पास अंडरपास बनाया जा सकता है।

इससे वाहनों को गुजरने के लिए एक और रास्ता मिलेगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को यातायात पुलिस प्रशासन की ओर से पत्र भी लिखा गया है।पुलिस अधिकारियों का कहना हैं कि आगामी दिनों में जाम की समस्या और बढ़ेगी और इसके लिए अभी से प्रयास करना होगा। केवल सड़क पर पुलिस की उपस्थिति से समस्या का निदान संभव नहीं है। 

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