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दिल्ली सरकार अपने पैरों पर खड़ा होने की चुनौती, इस बार अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार; कमाए इतने करोड़

दिल्ली की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से रफ्तार पकड़ रही है। दिल्ली सरकार का वैट और वस्तु एवं सेवा कर संग्रह (जीएसटी) पिछली बार की तुलना में काफी बढ़ गया है। सरकार को उम्मीद है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में कर संग्रह अनुमानों से अधिक आएगा। जीएसटी कर संग्रह के मामले में दिल्ली सरकार के लिए पिछले साल ठीक नहीं रहे।

By V K Shukla Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 07 Jul 2024 05:19 PM (IST)
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दिल्ली की वित्त मंत्री आतिश। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली की अर्थव्यवस्था एक बार फिर रफ्तार पकड़ रही है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में दिल्ली सरकार का वैट और वस्तु एवं सेवा कर संग्रह (जीएसटी) 2023-24 की तुलना में 13 प्रतिशत से अधिक बढ़ कर आया है।

व्यापार एवं कर विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली सरकार के खजाने में 2023-24 में एक अप्रैल से लेकर 30 जून तक 9831.72 करोड़ रुपये की तुलना में चालू वित्त वर्ष में इसी अवधि में जीएसटी व वैट से 11507.16 करोड़ रुपये आए हैं। सरकार को उम्मीद है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में कर संग्रह अनुमानों से अधिक आएगा।

बता दें कि जीएसटी कर संग्रह के मामले में दिल्ली सरकार के लिए पिछले साल ठीक नहीं रहे। 2020 में कोरोना के दौरान जीएसटी कर संग्रह जहां कम आया, वहीं 2022 में केंद्र सरकार द्वारा बंद कर दिए गए क्षाति पूर्ति से भी सरकार को बड़ा नुकसार हुआ है।

अपने पैरों पर खड़ा होना होगा

इससे पहले केंद्र सरकार से करीब 12000 करोड़ क्षति पूर्ति के रूप में दिल्ली सरकार को मिल रहे थे। अब यह राशि भी अपने स्तर पर जुटाने की सरकार पर चुनौती है। सीधी बात यह है कि सरकार को राजस्व के मामले में अब अपने पैरों पर खड़ा होना होगा।

इसी क्रम में पिछले कुछ समय पहले सरकार ने राजस्व एकत्रित करने वाले सभी विभागों को राजस्व के लिए सतर्क किया है। उसके बाद से विभागों में बदलाव देखा जा रहा है।

पिछली बार कितना आया राजस्व

व्यापार एवं कर विभाग के अनुसार, सरकार के खजाने में वित्त वर्ष 2023-24 के 12 महीने में जीएसटी व वैट से 40240.34 करोड़ रुपये आए थे। जिसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति के 1137.80 करोड़ रूपये का पुराना बकाया भी शामिल था। विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि इस बार राजस्व संग्रह उम्मीद से ज्यादा होगा।

कब कितना राजस्व जुटाया

विभाग के अनुसार, दिल्ली सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अप्रैल माह में जीएसटी व वैट से 4719.15 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि पिछले वित्त वर्ष के अप्रैल माह में 3886.94 करोड़ रुपये ही आए थे। इसी तरह चालू वित्त वर्ष के मई महीने में 3191.09 करोड़ रुपये आए हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में मई में 3078.98 करोड़ रुपये जुटाए थे।

वहीं, पिछले वित्त वर्ष में जून के महीने में 2865.80 करोड़ ही रुपये आए थे, लेकिन चालू वित्त वर्ष के जून महीने में 3596.92 करोड़ रुपये आए हैं।

इस बार 76 हजार करोड़ का बजट पेश किया

बता दें कि जीएसटी दिल्ली सरकार के कर संग्रह का मुख्य आधार है। सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विधानसभा में 76 हजार करोड़ का बजट पेश किया था। जिसमें से 58750 करोड़ रुपये कर संग्रह का अनुमान लगाया गया है।

इसमें जीएसटी और वैट से 41000 करोड़ रूपये आने का अनुमान लगाया गया है, जो कुल कर संग्रह का 70 प्रतिशत है। जबकि संपत्ति की बिक्री पर स्टांप और पंजीकरण शुल्क से 7750 करोड़ रूपये, शराब की बिक्री से 6400 करोड़ रुपये व मोटर वाहनों से 3600 करोड़ रुपये आने का अनुमान लगाया गया है।

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