Delhi Election Campaign: केजरीवाल की गिरफ्तारी और मालीवाल से मारपीट का मामला गर्माया, शोर में दब गए दिल्ली के मुद्दे
दिल्ली में बीते दो माह से अधिक समय तक लोकसभा चुनाव का प्रचार चला। प्रचार के शुरू में प्रदूषण यमुना की सफाई पेयजल जाम मुक्त दिल्ली आसान कनेक्टिविटी शिक्षा स्वास्थ्य कोराबार जैसे दिल्ली से संबंधित मुद्दे उठे लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और उसके बाद आप सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री आवास में मारपीट का मामला उछलने से पीछे रह गए।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रचार का शोर थम गया है। 16 मार्च को चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव प्रचार शुरू हो गया था, लेकिन इसमें तेजी 29 अप्रैल को छठे चरण के मतदान की अधिसूचना जारी होने के साथ आई। चुनावी समर में जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी पार्टियों ने ताकत झोंकी।
भाजपा तीसरी बार सभी सातों सीटें जीतने के संकल्प के साथ और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन उसके विजय अभियान को रोकने के लिए बड़े नेताओं को मैदान में उतारा। नुक्कड़ बैठकों, छोटे-बड़े चुनावी जनसभाओं, डिजिटल वैन सहित अन्य माध्यमों से अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचाने का प्रयास हुआ।
दो माह से अधिक समय तक चले चुनाव प्रचार के शुरू में प्रदूषण, यमुना की सफाई, पेयजल, जाम मुक्त दिल्ली, आसान कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कोराबार जैसे दिल्ली से संबंधित मुद्दे उठे लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और उसके बाद आप सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री आवास में मारपीट का मामला उछलने से पीछे रह गए। प्रचार के अंतिम चरण में भाजपा व आप दोनों इसी विषय पर एक दूसरे को घेरते नजर आए। चुनाव प्रचार में आप व कांग्रेस गठबंधन की तुलना में भाजपा आगे रही।
बड़े नेताओं ने किया भाजपा प्रत्याशियों का प्रचार
भाजपा ने दो मार्च और उसके कुछ दिनों बाद दो अन्य प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। इनके नाम घोषित होने के पहले ही पार्टी ने सभी संसदीय क्षेत्रों में चुनाव प्रबंधन का काम शुरू कर दिया था। प्रत्याशी घोषित होते ही पहले जिला व मंडल और उसके बाद शक्ति केंद्र (बूथ) तक प्रत्याशी पहुंचकर कार्यकर्ताओं को एकजुट किया। साथ ही नुक्कड़ सभाओं व जनसंपर्क अभियान भी चलता रहा। नामांकन के साथ ही चुनाव प्रचार में आहिस्ता-आहिस्ता तेजी आने लगी।
नई दिल्ली की प्रत्याशी बांसुरी स्वराज को छोड़कर अन्य प्रत्याशी नामांकन से पहले बुलडोजर लेकर रोड शो किया। नामांकन के दिन से ही राजस्थान के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी सहित अन्य बड़े नेता यहां के चुनाव प्रचार में उतरने लगे थे। समय के साथ इनकी संख्या बढ़ने लगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर पूर्वी व पश्चिमी दिल्ली में चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुनावी हवा को भाजपा के पक्ष में करने का प्रयास किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति इरानी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री सहित दूसरे राज्यों के कई मंत्री, सांसद व विधायक, चुनाव प्रभारी हरियाणा के पूर्व मंत्री ओपी धनखड़ और प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रचार किया।
पूर्वांचलियों को साधने के लिए मनोज तिवारी अपनी सीट के साथ ही दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगा। भाजपा नेताओं ने मंच से अयोध्या में श्री राम मंदिर, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने, सीएए लागू होने से जैसे मुद्दे उठाए अबकी बार चार सौ पार व फिर से एक बार मोदी सरकार के नारों से मतदाताओं को साधने की कोशिश की।
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