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दिल्ली में इन उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी सब्सिडी, बिजली विभाग तैयार कर रहा है प्रस्ताव

दिल्ली विद्युत विभाग जल्द ही नया प्रस्ताव तैयार करने जा रहा है जिसके तहत दिल्ली में बिजली के बिल पर मिलने वाली सब्सिडी को लेकर नियम बनाए जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव के तहत 3 किलोवाट से ज्यादा लोड वाले उपभोक्ताओं को छूट नहीं मिलेगी।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Fri, 03 Mar 2023 12:17 PM (IST)
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दिल्ली में इन उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी सब्सिडी, बिजली विभाग तैयार कर रहा है प्रस्ताव।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार तीन किलोवाट से ज्यादा लोड वाले बिजली कनेक्शन पर सब्सिडी समाप्त कर सकती है। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के सुझाव पर ऊर्जा विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जल्द ही इसे तैयार कर मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार की कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने पर ज्यादा लोड वाले उपभोक्ता सब्सिडी से वंचित हो जाएंगे।

ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डीईआरसी ने ज्यादा तीन किलोवाट से ज्यादा लोड वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी के दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया है। इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे लागू होने पर सब्सिडी प्राप्त कर रहे लगभग 10 प्रतिशत उपभोक्ता प्रभावित होंगे।

मांगने पर मिलती है सब्सिडी

दिल्ली सरकार ने पिछले वर्ष अक्टूबर से सब्सिडी योजना को वैकल्पिक बना दिया है। मांगने पर ही घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर छूट मिलती है। प्रतिमाह दो सौ यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को 100 प्रतिशत और 201 से 400 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों को 50 प्रतिशत छूट मिलती है। 400 यूनिट से ज्यादा खपत होने पर उपभोक्ता सब्सिडी के दायरे से बाहर हो जाता है। उसे पूरा बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता है। अभी तक बिजली लोड की कोई शर्त नहीं है। सिर्फ प्रति माह बिजली की खपत के आधार पर उपभोक्ता सब्सिडी का पात्र होता है।

48.14 लाख उपभोक्ताओं ने कराया है सब्सिडी के लिए पंजीकरण

दिल्ली में लगभग 58.28 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में लगभग 55 लाख उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर छूट मिली थी। इस योजना को वैकल्पिक बनाए जाने के बाद इस वर्ष 15 फरवरी तक 48.14 लाख उपभोक्ताओं ने सब्सिडी के लिए पंजीकरण कराया है। वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली सब्सिडी के लिए 3250 करोड़ रुपये रखे गए थे। बिजली अधिकारियों के अनुसार वैकल्पिक योजना बनने के बाद लगभग दो सौ करोड़ रुपये की बचत हुई है। यदि तीन किलोवाट लोड की शर्त लागू हो जाती है तो अगले वित्त वर्ष में लगभग तीन सौ करोड़ रुपये बचेगा।

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