Delhi Excise Policy: दिल्ली सरकार ने सितंबर में पुरानी शराब नीति से कमाए 768 करोड़, रोज बिक रहीं 8 लाख बोतलें
Delhi Excise Policy दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत सितंबर में 768 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया है। एक महीने के भीतर शराब पर उत्पाद शुल्क मूल्य वर्धित कर (वैट) और लाइसेंस शुल्क के माध्यम से 768 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया है।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Sat, 01 Oct 2022 11:21 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार (Delhi Government) के आबकारी विभाग ने पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत सितंबर में 768 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया है। पुरानी आबकारी व्यवस्था (Delhi Excise Policy) को वापस लाने के एक महीने के भीतर शराब पर उत्पाद शुल्क, मूल्य वर्धित कर (वैट) और लाइसेंस शुल्क के माध्यम से 768 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया है।
सरकार ने रद की गई दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के तहत आठ महीने में लगभग 1993.14 करोड़ रुपये जुटाए हैं। केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच के बाद नई शराब नीति 2021-22 को खत्म करने के बाद पुरानी आबकारी व्यवस्था एक सितंबर को लागू की गई थी।
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अब सिर्फ सरकारी दुकानों पर बिक रही शराब
पुरानी आबकारी नीति 17 नवंबर, 2021 से पहले राजधानी में प्रभावी थी और नई शराब नीति लागू होने के बाद इसे बंद कर दिया गया था, जिसके तहत शहर भर में केवल निजी दुकानों को संचालित करने की अनुमति थी। अब लागू पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत सरकार ने नई नीति आने तक केवल सरकारी दुकानों को छह महीनों के लिए खोलने की अनुमति दी है।
इस तरह जुटाए 768 करोड़ रुपये आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार ने एक से 30 सितंबर तक जो 768 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया है, उनमें से 460 करोड़ रुपये उत्पाद शुल्क के हैं। 140 करोड़ रुपये वैट से आए हैं, जबकि शेष राशि होटल, बार, थोक व्यापारी, क्लब और खुदरा विक्रेताओं को जारी लाइसेंस शुल्क के माध्यम से जुटाई गई है।सिर्फ यहां बिकेगी शराब
पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत चार सरकारी निगमों- दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी निगम के तहत शहर भर में केवल सरकारी शराब की दुकानों को खोलने और संचालित करने की अनुमति है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक पिछली नीति की तुलना में सितंबर में एकत्र राजस्व अच्छा है।
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त्योहारों के मौसम नवरात्र और दिवाली समाप्त होने के बाद बिक्री बढ़ेगी। वर्तमान में दैनिक शराब की बिक्री प्रतिदिन लगभग आठ लाख बोतल है, जबकि पिछली नीति के तहत यह लगभग 14 लाख थी, जहां केवल निजी दुकानों को संचालित करने की अनुमति थी।1000 दुकानें होने की उम्मीद इसके अलावा अधिक ब्रांड पंजीकृत होंगे और शहर में टिप्परों के लिए विकल्प होंगे, इसलिए आने वाले समय में बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है। वर्तमान में राजधानी में शराब की लगभग 460 दुकानें हैं और 500 से अधिक ब्रांड पंजीकृत हैं, जिसके आने वाले समय में 1,000 से भी अधिक होने की उम्मीद है।
विभाग ने शराब की दुकानों, उपलब्ध ब्रांडों और स्थानों, शराब उपयोगकर्ताओं के लिए शिकायत और प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए अनुभाग के बारे में जानकारी देने के लिए एमआबकारी नाम से मोबाइल एप भी लांच किया है।
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