'शर्ट भी पैंट के बाहर रहती है... इनसे ज्यादा आम आदमी कौन', केजरीवाल को पेशी से छूट के लिए वकील ने दी ये दलीलें
दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी की याचिका पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने के समन के खिलाफ डाली गई उनकी याचिका पर आज दूसरे दिन भी कोर्ट में सुनवाई जारी है। इस दौरान केजरीवाल के वकील ने तरह-तरह की दलीलें देकर बताया है कि उन पर किस तरह की जिम्मेदारियां हैं जिसके चलते मुख्यमंत्री कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं हो सकते।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामले में कोर्ट द्वारा जारी समन के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की है। उनकी इसी मांग वाली याचिका पर आज दूसरे दिन कोर्ट में सुनवाई हुई। राउज एवेन्यू अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
सीएम जनता के सेवक हैं
इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश वकील रमेश गुप्ता ने कहा, सीएम जनता के सेवक होते हैं। अरविंद केजरीवाल जनता के सेवक हैं।
सीएम को उनकी व्यक्तिगत क्षमता में बुलाया गया था। उन्हें समन एक मामले में भेजा गया था, जो आबकारी नीति के तहत दर्ज किया गया था। नीति केजरीवाल के सीएम रहते अस्तित्व में आई थी।
केजरीवाल के वकील ने आगे कहा, कल ईडी ने कहा था कि जब दो दिन बचे हैं तो क्यों कोर्ट आए। समन केजरीवाल के आधिकारिक ईमेल आईडी पर भेजा गया था।
इनसे ज्यादा आम आदमी कौन होगा?
केजरीवाल के वकील ने आगे कहा, उनके मुवक्किल ने कभी नहीं कहा कि उन्हें अपनी बहन की बेटी की शादी में जाना है। उन्होंने कहा कि पद पर रहते हुए उनकी कुछ आधिकारिक जिम्मेदारियां हैं। समन पर पेश न होने का कारण बताया है। इसलिए जानबूझकर कोई चूक नहीं हुई है।गुप्ता ने कहा, इनसे (केजरीवाल) ज्यादा आम आदमी कौन होगा। इन्होंने आज तक सूट तक नहीं पहना। वो शर्ट पहनते हैं, वो भी पैंट के बाहर रहती है। कभी जूते नहीं डाले। ये दिन में तीन बार कपड़े नहीं बदलते। ये आम आदमी हैं।
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