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Delhi: कांग्रेस का आरोप- AAP ने चुनाव में किया शराब घोटाले के पैसे का इस्तेमाल, केजरीवाल से मांगा इस्तीफा

Delhi excise policy case दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार कथित शराब घोटाले को लेकर चारो ओर से घिरी हुई नजर आ रही है। शनिवार को कांग्रेस ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि केजरीवाल ने शराब घोटाले में अर्जित किए पैसों को चुनावों में इस्तेमाल किया है।

By AgencyEdited By: Nitin YadavUpdated: Sun, 05 Feb 2023 09:23 AM (IST)
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Delhi excise policy case: केजरीवाल ने शराब घोटाले का पैसे का इस्तेमाल चुनाव में किया। फोटो सोर्स-फाइल फोटो।
नई दिल्ली,एएनआई। दिल्ली सरकार कथित शराब घोटाले को लेकर चोर तरफा घिरी हुई नजर आ रही है। शनिवार को पहले बीजेपी ने शराब नीति को लेकर मुख्यमंत्री पर हमला बोला और बाद में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोला।

कांग्रेस ने प्रदर्शन करते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि ईडी की चार्जशीट में कम-से-कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की पुष्टि की है।

कांग्रेस नेता अजय माकन ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि ईडी की चार्जशीट और रिपोर्ट में यह बात सार्वजनिक रूप से सामने आई है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले में शामिल हैं और उन्होंने कम-से-कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली है। गुरुवार को पीएमएलए अदालत ने चार्जशीट का संज्ञान लिया और आरोपों की पुष्टि करते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया  गया है।  

चुनावों में खर्च की घोटाले की रकम

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार्जशीट में मनी ट्रेल का जिक्र किया गया है और आरोप लगाया कि यह पैसा आप द्वारा गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च किया गया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ उनके मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के तत्काल इस्तीफे की मांग करती है।

उन्होंने आगे कहा कि DANICS के अधिकारी ने दावा किया है- शराब व्यापार के थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत मार्जिन के लिए जीओएम रिपोर्ट उन्हें सीएम आवास पर सौंपी गई थी, जहां मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। आरोप है कि यह रिपोर्ट सौंपी गई थी। उसे बिना किसी चर्चा के 12 प्रतिशत मार्जिन से थोक विक्रेताओं को उसे 6 प्रतिशत को किकबैक के रूप में वापस भुगतान करने का आरोप है।

नहीं मानी समिति की सिफारिशें

माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा शराब नीति में बदलाव का सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया गया था और इसकी दो प्रमुख सिफारिशों में आईएमएफएल व्यापार को एक सरकारी इकाई के तहत पूरे थोक संचालन को लाकर और शराब व्यापार में किसी भी वर्चस्व को रोकना शामिल था, लेकिन उन्होंने समिति की सिफारिशों को नहीं माना। उन्होंने कहा, "केजरीवाल सरकार द्वारा शराब कारोबारियों को दी जा रही रियायतों से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि COVID-19 के कारण शराब लाइसेंस फीस से 144.36 करोड़ रुपये माफ कर दिए गए और मुनाफे का मार्जिन 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत हो गया। उन्होंने कहा कि 2022-23 की पहली तिमाही में, केजरीवाल सरकार द्वारा नई शराब नीति को वापस लेने से पहले, राजस्व में 1870 करोड़ रुपये की कमी आई है, हालांकि व्हिस्की की बिक्री में 59.6 प्रतिशत और शराब में 87.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

लोकपाल को लेकर साधा निशाना

वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को आबकारी पुलिस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है, जिसमें आम आदमी पार्टी के पूर्व कम्यूनिकेशन प्रमुख विजय नायर सहित कई व्यवसायियों को नाम का खुलासा किया था। इसके अलावा माकन ने केजरीवाल पर लोकपाल के वादे को लेकर भी निशाना साधा है। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने गुरुवार को कहा कि इस शिकायत को भी अदालत ने ध्यान से देखा है।

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