Move to Jagran APP

केजरीवाल को मिलेगी राहत या तिहाड़ में ही कटेंगी और रातें, हाईकोर्ट के झटके बाद 'सुप्रीम' सुनवाई कल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जिसमें ईडी द्वारा गिरफ्तारी और उसके बाद आबकारी नीति मामले में उनकी रिमांड के खिलाफ दायर उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव की आशंका के बीच राजनीतिक प्रतिशोध के उनके तर्क को खारिज कर दिया था।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 14 Apr 2024 03:35 PM (IST)
Hero Image
CM केजरीवाल की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई कल।
एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और आबकारी नीति मामले में उनकी रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।

आप संयोजक केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें ईडी द्वारा गिरफ्तारी और उसके बाद आबकारी नीति मामले में उनकी रिमांड के खिलाफ दायर उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

राजनीतिक प्रतिशोध के तर्क को किया खारिज

शीर्ष अदालत में अपील दायर करते हुए उन्होंने तर्क दिया कि आम चुनाव की घोषणा के बाद उनकी गिरफ्तारी विवादास्पद विचारों से प्रेरित थी। इससे पहले 9 अप्रैल को, दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल से रिहाई की उनकी याचिका खारिज कर दी और लोकसभा चुनाव की आशंका के बीच राजनीतिक प्रतिशोध के उनके तर्क को खारिज कर दिया था।

ये भी पढ़ें- 'बीजेपी का मेनिफेस्टो एक और नया जुमला...', आतिशी बोलीं- सामने आया केंद्र सरकार का काला चिट्ठा

हाई कोर्ट ने कहा था कि छह महीने में नौ ईडी समन मिलने के बावजूद केजरीवाल उपस्थित नहीं हुए। यह उनके विशेषाधिकार के किसी भी दावे को कमजोर करती है, जिससे पता चलता है कि उनकी गिरफ्तारी उनके जांच में सहयोग न करने का ही अपरिहार्य परिणाम थी। सीएम केजरीवाल की अपील में सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा गया है कि यह केजरीवाल की स्वतंत्रता में गैरकानूनी तरीके से कटौती की गई है।

संविधान के मूल सिद्धांतों पर हमला: केजरीवाल

अपील में आगे कहा गया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और संघवाद पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला है, जो संविधान की मूल संरचना के महत्वपूर्ण घटक हैं। याचिका में दिल्ली के मुख्यमंत्री को जेल से रिहा करने की मांग करते हुए कहा गया है कि ईडी ने विपक्ष की स्वतंत्रता पर हमला करने के लिए साधन के रूप में काम किया।

याचिका में कहा गया है कि 2024 के आम चुनाव के बीच केजरीवाल की प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान को धूमिल करने की भी कोशिश की गई। इसने शीर्ष अदालत से केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का आग्रह करते हुए कहा किसी भी परिस्थिति में ऐसी अराजकता की इजाजत नहीं दी जा सकती।

CRPC की धारा 164 के तहत बयान पूर्ण सत्य नहीं

वहीं, केजरीवाल की ओर से दावा किया गया कि ऐसी कोई सामग्री या तथ्य नहीं है, जिनके आधार पर याचिकाकर्ता (केजरीवाल) को दोषी माना जा सके या उनकी गिरफ्तारी की जाए। हाईकोर्ट यह समझने में नाकाम रहा कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिये गए बयान को पूर्ण सत्य नहीं माना जा सकता, अदालत उस पर संदेह कर सकती है।

याचिका में कहा कि यह विशेष अनुमति याचिका अत्यंत आपात परिस्थितियों में दाखिल की गई है, क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री को ईडी ने पीएमएलए की धारा 19 में प्रेरित उद्देश्य से चुनाव के बीच में गैर कानूनी ढंग से गिरफ्तार कर लिया है।

ये भी पढ़ें- दिल्ली में राजनीतिक संकट के बीच मल्लिकार्जुन खरगे का आशीर्वाद लेने पहुंचे संजय सिंह, कहा- लोकतंत्र खतरे में

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।