दिल्ली की आबकारी नीति मामले में अब तक ईडी ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। संजय सिंह को मिलाकर यह 14वीं गिरफ्तारी है।
सुबह तड़के ईडी पूछताछ के लिए पहुंची घर
प्रवर्तन निदेशालय सुबह बुधवार सुबह 6:30 बजे उनके घर पहुंच गया था। इस बारे में लोकल थाना पुलिस से भी कोई जानकारी साझा नहीं की गई थी। इस दौरान शराब नीति मामले में ईडी ने लगभग 11 घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि ईडी की चार्जशीट में संजय सिंह का नाम था।
ईडी द्वारा गिरफ्तार करने क बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह।
शराब कारोबारी को बनाया सरकारी गवाह
शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनाने के दूसरे दिन ईडी ने संजय सिंह के 125 नॉर्थ एवेन्यू स्थित सरकारी आवास पर छापा मारा। दिनेश अरोड़ा ने बयान में कहा है कि संजय सिंह के अनुरोध पर उसने दिल्ली के रेस्तरां और बार मालिकों से 82 लाख जमा करके मनीष सिसोदिया को चेक के रूप में पार्टी फंड के बहाने दिया था। उस पैसे का इस्तेमाल उस दौरान आने वालों विधानसभा चुनावों में किया जाना था।
जानिए कब लागू हुई थी नई नीति
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। नई नीति में शराब बेचने का काम पूरी तरह निजी कंपनियों के हाथ में आ गया था।
मार्च में मनीष सिसोदिया की हुई गिरफ्तारी
दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया को इस मामले में ईडी ने 9 मार्च, 2023 में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी और सीबीआई का आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की उत्पाद शुल्क नीति ने गुटबंदी की अनुमति दी। उन्होंने कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी, इस आरोप का दिल्ली सरकार ने इसका जोरदार खंडन किया।
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CBI ने फरवरी में किया था सिसोदिया को गिरफ्तार
शराब नीति घोटाला में सीबीआई ने सबसे पहले जांच शुरू की थी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति में क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद सीबीआई ने सबूते के आधार पर मुकदमा दर्ज 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
1900 करोड़ से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत
एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि दिल्ली के आबकारी नीति घोटाले में कम से कम 1934 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले। सबूतों के आधार पर उनका पता लगाकर ईडी द्वारा संपत्तियां भी जब्त की जा रही हैं।
क्या हैं आरोप
ईडी और सीबीआई द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति (Excise Policy) ने गुटबंदी की अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद उत्पाद शुल्क नीति (Excise Policy) को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था।
AAP के एक और नेता भी जेल में
दिल्ली सरकार में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आप के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन को मनी लांन्ड्रिंग केस में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था। अभी वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। जैन पर शेल कंपनियां बनाकर 16 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर करने का आरोप है। वहीं, शराब नीति घोटाला मामले में सीबीआई और ईडी ने इनसे भी पूछताछ की है।
शराब नीति की क्रोनोलॉजी
22 जुलाई, 2022: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर सीबीआई जांच की सिफारिश की।
17 अगस्त: सीबीआई ने नई आबकारी नीति में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी विभाग के अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
19 अगस्त: सीबीआई ने सिसोदिया और आप के तीन अन्य सदस्यों के आवास पर छापा मारा। साथ ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कई स्थानों पर भी तलाशी ली गई।
30 अगस्त: सीबीआई की टीम ने गाजियाबाद के सेक्टर-चार स्थित वसुंधरा में पीएनबी की शाखा पहुंचकर सिसोदिया के बैंक लॉकरों की तलाशी ली।
27 सितंबर: सीबीआई ने आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रभारी विजय नायर को गिरफ्तार किया। वह आबकारी नीति मामले में प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक हैं।
17 अक्टूबर: सीबीआई ने सिसोदिया से दिल्ली आबकारी नीति मामले में नौ घंटे तक पूछताछ की।
25 नवंबर: सीबीआई ने आबकारी घोटाले में पहला आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली सहित सात अभियुक्तों को नामजद किया। हालांकि, सिसोदिया को आरोपित के रूप में नामित नहीं किया।
18 फरवरी, 2023: सीबीआई ने सिसोदिया को फिर से तलब किया। हालांकि, सिसोदिया ने बजट तैयार करने का हवाला देते हुए पूछताछ टालने को कहा।
26 फरवरी: सीबीआई ने आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया।
27 फरवरी: सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उन्हें पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
28 फरवरी: आबकारी घोटाले में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने और जमानत देने की मांग को लेकर सिसोदिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। शीर्ष अदालत ने याचिका पर विचार करने से किया इन्कार। कहा, हाई कोर्ट या निचली अदालत में जाएं।
4 मार्च: सिसोदिया के अधिवक्ताओं ने राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिली की, जिसपर अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 10 मार्च तय की और इस दिन सीबीआई को जवाब दाखिल करने को कहा।
4 मार्च: सीबीआई ने कोर्ट में पेश कर सिसोदिया की तीन दिन की रिमांड मांगी, लेकिन अदालत ने दो दिन की रिमांड स्वीकार की।
6 मार्च: दो दिन की रिमांड अवधि पूरी होने पर सीबीआई ने सिसोदिया को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की। इसपर अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया और सीबीआई को सिसोदिया को 20 मार्च को पेश करने का आदेश दिया।