Excise Policy: 1100 करोड़ का था घोटाला, के. कविता कितने में रहीं शामिल, ED की चार्जशीट में खुलासा
आबकारी नीति घोटाले (Delhi Excise Policy) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में अदालत ने बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ा दी। राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कविता के खिलाफ जारी पेशी का समन के पहले के आदेश के अनुपालन में उनको अदालत में पेश किए जाने के बाद हिरासत बढ़ा दी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आबकारी नीति घोटाले (Delhi Excise Policy) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में अदालत ने बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ा दी। राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कविता के खिलाफ जारी पेशी का समन के पहले के आदेश के अनुपालन में उनको अदालत में पेश किए जाने के बाद हिरासत बढ़ा दी।
अदालत ने 29 मई को मामले में बीआरएस नेता (K Kavitha) के खिलाफ ईडी की ओर से दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद पेशी का समन जारी किए गया था। जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में कहा है कि अबतक 1,100 करोड़ के घोटाले में के. कविता 292.8 करोड़ रुपये की अपराध की आय में शामिल थीं।
कहां लगा इतना रुपया
इसमें से 100 करोड़ रुपये आप नेताओं को रिश्वत के तौर पर और 192.8 करोड़ रुपये इंडो स्पिरिट्स का लाभ शामिल है। वहीं, अदालत ने मामले में तीन सह-आरोपित- प्रिंस, दामोदर और अरविंद सिंह को मामले में एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। तीनों आरोपियों पर ईडी द्वारा जांच के दौरान गिरफ्तार किए बिना ही आरोप पत्र दायर कर दिया गया था। वहीं, एक अन्य आरोपित चनप्रीत सिंह न्यायिक हिरासत में है।मार्च में हुई थी के. कविता की गिरफ्तारी
ईडी ने कविता को 15 मार्च, 2024 को हैदराबाद स्थित उनके घर से और सीबीआई ने 11 अप्रैल, 2024 को जेल से उनको गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि कविता साउथ ग्रुप की एक प्रमुख सदस्य थी, उन पर आबकारी लाइसेंस के एक बड़े हिस्से के बदले में आम आदमी पार्टी (आप) को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है। ईडी ने कहा कि कविता आबकारी नीति घोटाले की मुख्य साजिशकर्ता और लाभार्थी में से एक थी।
आरोप स्थापित करने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सुबूत हैं- ईडी
ईडी के 177 पन्नों के पूरक आरोपपत्र में कहा कि आरोपितों के खिलाफ आरोप स्थापित करने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सुबूत हैं। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि के. कविता ने विजय नायर के माध्यम से साउथ ग्रुप के सदस्यों और आप नेताओं के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और अनुचित लाभ प्राप्त करने की साजिश रची और घोटाले में अपनी भूमिका और संलिप्तता को छिपाने के लिए डिजिटल साक्ष्य को नष्ट कर दिया।उन्होंने अपने मोबाइल फोन के साक्ष्य और सामग्री को मिटा दिया है। ईडी ने बताया कि कविता ने जांच के लिए नौ फोन पेश किए, ये सभी फोन फार्मेट किए गए थे और उनमें कोई डाटा नहीं था। ईडी ने कहा कि वह पूछताछ करने में टालमटोल कर रही थी और उन फार्मेट किए गए फोन के लिए वो कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सकीं।ईडी ने दावा किया कि कविता गवाहों को प्रभावित करने के कृत्यों में भी शामिल हैं। कविता ने अपने सहयोगी अभिषेक बोइनपल्ली के नाम पर मेसर्स इंडो स्पिरिट्स से 5.5 करोड़ रुपये की अपराध की आय प्राप्त की। कविता ने सरकारी अधिकारियों को उनके बिचौलियों के माध्यम से रिश्वत देकर 100 करोड़ रुपये के पीओसी के निर्माण में भाग लिया है।
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