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जाना था पेरिस, पहुंच गए हवालात; IGI एयरपोर्ट पहुंचे दो यात्रियों के पास मिला फर्जी ग्रीस शेंगेन वीजा

शेंगेन वीजा का इंतजाम कर यूरोप सैर करने की चाह में आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे दो यात्री हवालात पहुंच गए। दोनों यात्री पंजाब के रहने वाले हैं। दोनों ने वीजा एक एजेंट के जरिए हासिल किया था। पूछताछ के उपरांत इमिग्रेशन ने मामले की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों को सूचित किया। अब इस मामले में जांच की जिम्मेदारी आईजीआई थाना की है।

By Gautam Kumar MishraEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Thu, 22 Jun 2023 11:34 PM (IST)
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पंजाब के दो यात्री का शेंगेन वीजा निकला फर्जी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शेंगेन वीजा का इंतजाम कर यूरोप सैर करने की चाह में आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे दो यात्री हवालात पहुंच गए। यात्रा के पहले पड़ाव पेरिस रवाना होने से पहले नियमों के मुताबिक जब दोनों इमिग्रेशन जांच के लिए पहुंचे तो अधिकारियों ने पाया कि इनके पास जो वीजा है वह फर्जी है।

जब पूछताछ की गई तो पता चला कि फर्जी वीजा से जुड़ा एक गिरोह है जो यूरोप सैर करने की चाह रखने वाले लोगों को निशाने पर ले रहा है। इमिग्रेशन ने पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस को सौंप दी है। दोनों आरोपितों से पूछताछ कर गिरोह के बारे में पुलिस फिलहाल जानकारी एकत्र करने में जुटी है। छानबीन जारी है।

पंजाब के रहने वाले दोनों यात्री

पंजाब के कपूरथला जिला निवासी सुखजिंदर व जालंधर जिला निवासी मनप्रीत चौहान को पेरिस जाने के लिए एयर इंडिया की उड़ान लेनी थी। तय समय पर दोनों आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे। विदेश यात्रा से जुड़े इमिग्रेशन के लिए जरूरी जांच के लिए जब ये अधिकारियों के समक्ष गए तो उन्होंने यात्रा से जुड़े इनके तमाम कागजात पर गौर करना शुरू किया।

इस दौरान पाया गया कि दोनों के पासपोर्ट पर ग्रीस शेंगेन वीजा का जो स्टीकर लगा है, उसपर सुरक्षा से जुड़े मानक नजर नहीं आ रहे हैं। पड़ताल के बाद यह पूरी तरह फर्जी पाया गया। जब सुखजिंदर से इमिग्रेशन अधिकारियों से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके लिए वीजा का इंतजाम दीप अरोड़ा नामक एजेंट ने किया है। वीजा के लिए उसने दीप को करीब 50 हजार रुपये बतौर एडवांस दिए थे।

शेष रकम का भुगतान यूरोप पहुंचने पर उसे करना था। इसी तरह मनप्रीत ने पूछताछ में इमिग्रेशन अधिकारियों को बताया कि उसने गैरी सिद्धू नामक एजेंट से वीजा का इंतजाम किया। इसके लिए करीब 14 लाख का उसने भुगतान किया है। पूछताछ के उपरांत इमिग्रेशन ने मामले की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों को सूचित किया। अब इस मामले में जांच की जिम्मेदारी आईजीआई थाना की है।

गिरोह की आशंका

प्रारंभिक छानबीन के दौरान इस बात की संभावना सामने आ रही है कि दीप व गैरी दोनों एजेंट एक ही गिरोह के सदस्य हो सकते हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि दोनों की गिरफ्तारी व पूछताछ के बाद ही पता चल सकेगी। दोनों एजेंटों ने फर्जी वीजा का इंतजाम कैसे किया, यह अभी जांच का विषय है।

क्या है शेंगेन वीजा

शेंगेन 27 यूरोपीय देशों का समूह है, जिनमें आपसी देशों में मुक्त आवाजाही है। यदि आपको इन सभी 27 देशों की यात्रा करनी है तो अलग अलग वीजा के बजाय एक शेंगेन वीजा ही पर्याप्त है। यह वीजा इस समूह से जुड़े किसी भी देश से लिया जा सकता है। इस समूह में शामिल देशों में आस्ट्रिया, बेल्जियम, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, स्पेन, स्वीडन, स्विटजरलैंड व अन्य देश शामिल हैं।

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