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फर्जी सर्जन का एक और कारनामा: मरीज के पति को ही पहना दी डॉक्टर की ड्रेस, फिर दी ये धमकी; DMC को ऐसे दिया झांसा

फर्जी सर्जरी प्रकरण में एक और चौंकाने वाला तथ्य पुलिस जांच में सामने आया है। अग्रवाल मेडिकल सेंटर में आने वाले मरीजों के स्वजन को फर्जी डॉक्टर के रूप में कई दिनों तक एप्रन पहनाकर बैठाया जाता था। यह बात आरोपितों से रिमांड अवधि में पूछताछ के दौरान सामने आई है। इस मामले की जांच के दौरान एक पीड़ित ग्रेटर कैलाश थाना पुलिस के पास पहुंचा।

By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Thu, 23 Nov 2023 05:18 PM (IST)
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अग्रवाल नर्सिंग होम से गिरफ्तार आरोपी और नर्सिंग होम के बाहर मरीज। फाइल फोटो
शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। फर्जी सर्जरी प्रकरण में एक और चौंकाने वाला तथ्य पुलिस जांच में सामने आया है। अग्रवाल मेडिकल सेंटर में आने वाले मरीजों के स्वजन को फर्जी डॉक्टर के रूप में कई दिनों तक एप्रन पहनाकर बैठाया जाता था।

यह बात आरोपितों से रिमांड अवधि में पूछताछ के दौरान सामने आई है। इस मामले की जांच के दौरान एक पीड़ित ग्रेटर कैलाश थाना पुलिस के पास पहुंचा। उसने आरोपित नीरज अग्रवाल को देखते ही पहचान लिया।

उसने पुलिस के सामने आरोपित के एक और फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया। बदरपुर निवासी पीड़ित ने बताया कि वह कुछ समय पहले अपनी पत्नी का पथरी का ऑपरेशन कराने सेंटर में आया था।

यहां पर नीरज अग्रवाल ने उससे कहा कि उसे कुछ दिन के लिए डॉक्टर की तरह अस्पताल में रहना होगा। इसके बाद आरोपित ने पीड़ित को एप्रन पहनाकर दो दिन तक अपने अस्पताल में बैठाया। यह सब ढोंग आरोपित ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल को गुमराह करने के लिए किया था।

पीड़ित को दी थी उसकी पत्नी की सर्जरी न करने की धमकी

थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अजीत कुमार ने बताया कि पहले तो पीड़ित ने फर्जी डाक्टर बनने से इन्कार कर दिया था। फिर आरोपित ने उसे धमकी दी कि यदि वह दो दिन के अप्रेन पहनकर अस्पताल में नहीं बैठा तो वह उसकी पत्नी की पथरी निकालने की सर्जरी नहीं करेंगे। आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर मजबूरी में व्यक्ति को उसकी बात माननी पड़ी।

सफदरजंग अस्पताल में काम कर चुका है नीरज अग्रवाल

थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस की जांच में सामने आया कि नीरज अग्रवाल सफदरजंग अस्पताल में भी काम कर चुका है। वह 2003 से 2006 के बीच अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट के रूप में कार्यरत था।

पुलिस को आशंका है कि अस्पताल से एक्सपायर होने वाली आपरेशन टेबल आरोपित ने ही खरीदी थी। इन टेबल के एक्सपायर होने पर नीलामी की जाती है। इसके बारे में आरोपित को सारी जानकारी थी।

उसने नीलामी में खरीदने वाले व्यक्ति से टेबल खरीदी थी। पुलिस को सेंटर से बरामद की गई पुरानी आपरेशन टेबल की खरीद से संबंधित कोई बिल आरोपित से नहीं मिला है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है।

पुलिस ने फ्रीज कराए नीरज के बैंक खाते और डेबिट कार्ड

वहीं, पुलिस ने नीरज अग्रवाल के बैंक खातों और डेबिट कार्ड को फ्रीज करा दिया है। उसके सारे लेन-देन की जांच की जा रही है। इसी के आधार पर पुलिस ने हाल ही में जुल्फीकार नाम के दलाल को गिरफ्तार किया था।

पुलिस अभी तक 56 डेबिट कार्ड को बंद करा चुकी है। नीरज ने रिमांड के दौरान ही पुलिस से 10 डेबिट कार्ड मांग डाले। उसने कहा कि उसे पैसों की जरूरत पड़ेगी, हालांकि पुलिस ने उसे कोई कार्ड नहीं दिया। पुलिस उसकी सारी ट्रांजेक्शन का पता लगा रही है।

आरोपित की संपत्ति का भी पता लगा रही पुलिस

पुलिस ने सेंटर संचालक नीरज और उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल की संपत्ति का भी पता लगाना शुरू कर दिया है। अभी तक पता चला कि सीआर पार्क में भी उसकी संपत्ति है।

पुलिस बृहस्पतिवार को वहां जाकर छानबीन कर सकती है। इसके अलावा एम्स की टीम के साथ फिर से सेंटर पर छानबीन की जाएगी।

अभी नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा और लैब टेक्नीशियन महेंद्र पांच दिन के पुलिस रिमांड पर हैं। पुलिस तीनों ने अलग अलग पूछताछ कर रही है, ताकि मामले से जुड़े अन्य तथ्य व संदिग्धों का पता लगाया जा सके।

प्रकरण से जुड़े और दलालों की गिरफ्तारी भी संभव

पुलिस प्रकरण से जुड़े और दलालों की जल्द गिरफ्तारी कर सकती है। पुलिस के हाथ तीन के खिलाफ कुछ सुबूत लगे हैं। इनको पुख्ता करने के लिए छानबीन की जा रही है। इसके बाद आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।

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