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दिल्ली में टला नहीं है बाढ़ का खतरा, अभी और उफान मारेगी यमुना, रहें सतर्क

29 जुलाई सुबह 8 बजे 2,42,657 क्यूसेक व शाम को 1,10,248 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। यह पानी दिल्ली पहुंचेगा तो जल स्तर अचानक 206.50 मीटर तक पहुंचने की आशंका है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Mon, 30 Jul 2018 10:15 PM (IST)
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दिल्ली में टला नहीं है बाढ़ का खतरा, अभी और उफान मारेगी यमुना, रहें सतर्क
नई दिल्ली [जेएनएन]। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। इस वजह से पुराना यमुना ब्रिज (लोहे का पुल) से वाहनों का आवागमन भी बंद है। इस बीच सोमवार को यमुना का जलस्तर 205.76 मीटर तक पहुंच गया। मंगलवार को भारी मात्रा में यमुना में पानी पहुंचने वाला है। इस वजह से जलस्तर 206.50 मीटर तक पहुंचने की आशंका है। माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में यमुना का जलस्तर बढ़ेगा और ये अभी और उफनेगी।

परिचालन जारी रखना आसान नहीं होगा

मौजूदा हालात को देखते हुए कहा जा रहा है कि रेलवे ने एक बार परिचालन बंद करने के बाद पुराने पुल से परिचालन भले ही दोबारा शुरू कर दिया है पर यदि यमुना का जलस्तर और बढ़ा तो परिचालन जारी रखना आसान नहीं होगा। इसलिए दिल्ली सरकार के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के कंट्रोल रूप से रेलवे को पल-पल की जानकारी दी जा रही है।

छोड़ा जा रहा है थोड़ा कम पानी 

हालांकि हथिनी कुंड बैराज से पिछले दो दिन के मुकाबले अब थोड़ा कम पानी छोड़ा जा रहा है। बाढ़ नियंत्रण विभाग का कहना है कि बैराज से दो दिन काफी पानी छोड़ा गया था। 28 जुलाई की शाम सात बजे 6,05,949 क्यूसेक, 29 जुलाई सुबह 8 बजे 2,42,657 क्यूसेक व शाम को 1,10,248 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। यह पानी दिल्ली पहुंचेगा तो जल स्तर अचानक 206.50 मीटर तक पहुंचने की आशंका है।

10 हजार परिवारों को हटाया गया

हथिनी कुंड बैराज से सोमवार को अधिकतम 52,279 क्यूसेक पानी सुबह पांच बजे छोड़ा गया। शाम सात बजे 28,421 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जलस्तर बढ़ने से यमुना के निचले इलाकों व अवैध रूप से बसी झुग्गियों में पानी भर गया है। अब तक करीब 10 हजार परिवारों को हटाया गया है।

1978 में सबसे अधिक उफान पर थी यमुना 

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार यमुना में सबसे अधिक उफान वर्ष 1978 में आया था। तब यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद वर्ष 2010 में 207.11 मीटर व वर्ष 2013 में जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंचा था। 

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