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Delhi Flood Update: यमुना दिखाएगी अपना रौद्र रूप! फिर बढ़ने लगा जलस्तर; अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी

दिल्ली में यमुना का जलस्तर तीन दिन लगातार घटने के बाद सोमवार सुबह से जलस्तर बढ़ना फिर से शुरू हो गया। पिछले दिनों यमुना का रौद्र रूप देखने को मिला था जिस कारण आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई थी। अभी तक जलमग्न इलाकों से पानी कम नहीं हुआ था जो अब फिर से बढ़ने लगा है। सोमवार शाम छह बजे यमुना का जलस्तर 205.94 मीटर पहुंच गया है।

By GeetarjunEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 17 Jul 2023 09:42 PM (IST)
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दिल्ली में आई बाढ़ से कई इलाके हो गए जलमग्न।
नई दिल्ली, जागरण संवादादाता। राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर तीन दिन लगातार घटने के बाद सोमवार सुबह से जलस्तर बढ़ना फिर से शुरू हो गया। पिछले दिनों यमुना का रौद्र रूप देखने को मिला था, जिस कारण आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई थी। अभी तक जलमग्न इलाकों से पानी कम नहीं हुआ था, जो अब फिर से बढ़ने लगा है। सोमवार शाम छह बजे यमुना का जलस्तर 205.94 मीटर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान (205.33 मीटर) से 0.63 मीटर है।

दिल्ली का एक बड़ा हिस्सा हुआ जलमग्न

यमुना ने जब अपना रौद्र रूप दिखाया था, तो दिल्ली का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया था। इस दौरान यमुना नदी का पानी दिल्ली की सड़कों पर फैल गया और मुगलकालीन विरासत स्थल तक पहुंच गया। राजघाट और पुराना किला इलाकों में गंभीर जलजमाव की सूचना मिलने के कारण लोगों को कई हिस्सों में कमर तक और गर्दन तक पानी के बीच से गुजरते देखा गया।

रिंग रोड पर स्थिति डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग (WHO Building) के पास ड्रेन क्षतिग्रस्त होने से पानी रिंग रोड पर आ गया और यातायात प्रभावित हुआ। इसके अलावा दिल्ली में कई मार्गों पर यमुना का पानी पहुंचने से यातायात प्रभावित हुआ था। हालांकि अब जलस्तर घटने से यातायात सामान्य हो रहा है, लेकिन अभी भी कई मार्गों पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

सामान्य हो रहा यातायत

लाल किला के पास भी जलभराव हो गया था, लेकिन अब कश्मीरी गेट और आईएसबीटी की ओर जाने वाली सड़क पर यातायात की आवाजाही सामान्य हो गई।

तोड़ दिया था 45 वर्ष पुराना रिकॉर्ड

इस वर्ष यमुना के जलस्तर ने 45 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। 10 जुलाई को शाम पांच बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार 205.76 मीटर और बुधवार (12 जुलाई) को बढ़कर 207.71 मीटर पहुंच गया था।

जलस्तर ने 1978 में बनाए गए 207.49 मीटर के अपने सर्वकालिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। इसी दिन रात 10 बजे यमुना का जलस्तर 208.05 मीटर पहुंच गया था।

तीन दिन तक कम होता रहा जलस्तर

इससे दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में बाढ़ आ गई। बृहस्पतिवार (13 जुलाई) शाम छह बजे जलस्तर 208.66 मीटर पहुंच गया, जो पिछले बार (45 वर्ष पुराने रिकॉर्ड) से 1.17 मीटर ऊपर था और खतरे के निशान (205.33 मीटर) से 3.33 मीटर बह रही थी। बृहस्पतिवार की रात से ही यमुना नदी का जलस्तर कम होने लगा था।

जलस्तर बढ़ने के कारण यमुना के आसपास के निचले इलाकों के अलावा कश्मीरी गेट, सिविल लाइन, भैरों मार्ग सहित कई इलाकों में पानी घुस गया था। बाद में इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के पास रेगुलेटर टूटने से नाले का पानी ओवर फ्लो होने से आईटीओ तक जलभराव हो गया था, जिसे एनडीआरएफ और सेना की टीम ने मिलकर ठीक कर दिया था।

यमुना का जलस्तर बृहस्पतिवार (13 जुलाई) की रात से रविवार (16 जुलाई) रात तक लगातार घटता रहा था। सोमवार सुबह सात यमुना का सबसे कम जलस्तर 205.45 मीटर दर्ज किया था, जो शाम तक बढ़कर 205.94 मीटर पहुंच गया है।

आईटीओ बैराज के गेट खोलने का किया जा रहा काम

दिल्ली में बने आईटीओ बैराज पुल पर 32 दरवाजे बने हैं। इसके पांच गेट बंद थे, जिसमें से एक गेट 14 जुलाई की रात को खोल दिया गया। करीब 20 घंटों की बिना रुके मेहनत करके गोताखोर टीम ने पानी के नीचे से सिल्ट कंप्रेसर द्वारा निकाली, फिर हाईड्रा क्रेन से गेट को खींचा गया। गेट को खोलने में एनडीआरएफ, सेना, नेवी के इंजीनियर मदद कर रहे हैं। अभी चार और गेट खुलना बाकी हैं।

यमुना का पानी तेजी से ओखला बैराज से होते हुए दिल्ली से बाहर निकल सके इसके लिए आईटीओ ब्रिज बैराज के बंद गेट खोलने की कोशिश की जा रही है। अगर दरवाजे खुल जाते हैं तो यमुना का पानी जल्द दिल्ली से बाहर निकल सकेगा और बाढ़ की स्थिति से काफी हद तक राहत मिल जाएगी।

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