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Diwali 2024: दिल्ली में खाद्य विभाग की छापेमारी से मिलावटखोरों में हड़कंप, खोया-पनीर और मिठाइयों के उठाए 21 सैंपल

दीवाली के त्योहारों के मद्देनजर खाद्य वस्तुओं में मिलावट की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार का खाद्य सुरक्षा विभाग ने निगरानी तेज कर दी है। इसी कड़ी में दिल्ली के विभिन्न इलाकों में खुदरा बाजार में खोया पनीर मिठाइयों इत्यादि के सैंपल लिए जा रहे हैं। इससे मिलावट खोर दुकानदारों में हड़कंप मच गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई से मिलावट में कुछ लगाम लग सकेगी।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 28 Oct 2024 10:49 AM (IST)
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खाद्य वस्तुओं में मिलावट को लेकर छापेमारी की गई। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दीपावली व त्योहारों के मद्देनजर बाजारों में रौनक बढ़ गई है। इस बीच खाद्य वस्तुओं में मिलावट की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग ने निगरानी तेज कर दी है। इसलिए दिल्ली के विभिन्न इलाकों में खुदरा बाजार में भी खोया, पनीर, मिठाइयों इत्यादि के सैंपल लिए जा रहे हैं। ताकि खाद्य वस्तुओं में मिलावट पर रोक लगाई जा सके।

दिल्ली के विभिन्न इलाकों में की छापेमारी

इसी क्रम में पिछले दिनों दिल्ली के विभिन्न इलाकों में खोया, पनीर व मिठइयों के 13 सैंपल लिए गए। खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है। खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार 26 अक्टूबर को पश्चिमी व मध्य दिल्ली के बाजारों से खोया व पनीर के आठ सैंपल लिए गए।

इससे पहले 25 अक्टूबर को नई दिल्ली और दक्षिण पूर्वी दिल्ली के छह मिठाई की दुकानों का खाद्य सुरक्षा विभाग की विशेष टीम ने निरीक्षण किया। इस टीम में सात अधिकारी शामिल थे। उन्होंने विभिन्न मिठाइयों व पनीर के 13 सैंपल उठाए। इसके पहले भी विभाग ने की सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। सैंपल फेल होने पर मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

गाजियाबाद में नहीं दिख रहा खाद्य सुरक्षा विभाग 

मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच करने के लिए खरीदी गई 35 लाख रुपये की माडर्न एफएसडब्ल्यू (फूड सेफ्टी आन व्हील्स) का शहर में प्रयोग करने पर लोग सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि शहर में एफएसडब्ल्यूए से जांच होती नहीं दिख रही है। एफएसडब्ल्यूए से तुंरत ही जांच रिपोर्ट आ जाती है। इससे मिलावटी सामान पर तुरंत ही रोक लग जाती है। जबकि दीपावली से पहले इसका प्रयोग अधिक होना चाहिए था।

रिपोर्ट आने के बाद मिलावट खोर पर होती है कार्रवाई

दीपावली से पहले खाद्य पदार्थों में अधिक मिलावट की जाती है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम नमूने लेकर जांच के लिए भेज देती है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मिलावट खोर पर कार्रवाई की जाती है। रिपोर्ट आने से पहले दुकानदार उस खाद्य पदार्थ को बेच देता है। जब तक रिपोर्ट आती है दुकानदार अपने रसूख का प्रयोग कर कार्रवाई से बचने और साठगांठ करने का प्रयास करता है। समय पर ग्राहकों को न्याय नहीं मिल पाता है।

बाजारों में दीवाली की खरीदारी करते लोग। 

ऐसे में एफएसएसएआइ (फूड सेफ्टी स्टेंडर्ड आथोरिटी ऑफ इंडिया) ने खाद्य सुरक्षा विभाग को एफएसडब्ल्यू उपलब्ध कराई थी। एफएसडब्ल्यू मौके पर जाकर जांच कर सकते हैं। इससे सिर्फ 15 से 20 मिनट में जांच रिपोर्ट मिल जाती है। इससे खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता चल सकता है। शहर के लोगों का कहना है कि दीपावली से पहले एफएसडब्ल्यू बाजार में नहीं दिख रही है। यहां तक खाद्य सुरक्षा विभाग यह बताने काे तैयार नहीं कि इससे उन्होंने अभी तक कितने जांच की हैं।

जिले में खूब की जाती है मिलावट खोरी

खाद्य पदार्थां में मिलावट खोरी के मामलों में गाजियाबाद प्रदेश में उच्च स्थान पर है। वर्ष 2023-24 में एडीएम कोर्ट द्वारा प्रदेश भर में यहां खाद्य पदार्थाें के नमूने फेल होने पर मिलावट खोरों पर सर्वाधिक तीन करोड़ 90 लाख 95 हजार रुपये का जुर्माना लगा। यहां खोया, पनीर, दूध, दही, घी, तेल के अलावा दाल, हल्दी, मिर्च, धनिया समेत रोजमर्रा के इस्तेमाल के खाद्य पदार्थों में मिलावट आम है।

चलती-फिरती लैब उपकरणों से है लैस

एफएसडब्ल्यू एक चलती फिरती लैब है। दूध में फैट की मात्रा, मिलावट वाले स्टार्च, यूरिया, पानी में जीएच, टीडीएस, कंडक्टिविटी जैसे रसायनों की जांच मौके पर की जा सकती है। जागररूकता के लिए एलईडी, रिपोर्ट देने के लिए प्रिंटर व डेटा के लिए कंप्यूटर उपलब्ध है।

क्या बोले लोग?

एफएसडब्ल्यू तो खरीद लिया है लेकिन इससे जांच कहां की जाती है इसके बारे में पता नहीं चलता है। हमें शहर में इससे जांच होती नहीं दिख रही हैं। - आरपी शर्मा, स्थानीय निवासी।

एफएसडब्ल्यू से कब और किस समय जांच की जाती है, किसी को नहीं पता है। दीपावली से पहले लोग अधिक मिलावट करेंगे। एफएसडब्ल्यूए का प्रयोग अधिक होना चाहिए। - सुरेंद्र कुमार, स्थानीय निवासी।

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