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दिल्ली में गणेशोत्सव: 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आना' के उद्धोष के साथ बप्पा की गई विदाई; देखें तस्वीरें

गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आना के उद्धोष के साथ बप्पा की धूम-धाम से विदाई की गई। दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का मूर्ति विसर्जन के साथ शुक्रवार को समापन हो गया। गली-मोहल्लों से लेकर घरों व पंडालों में विसर्जन के अवसर पर धूम रही।

By GeetarjunEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 07:26 PM (IST)
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गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आना के उद्धोष के साथ बप्पा की गई विदाई
नई दिल्ली [आशीष सिंह]। 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आना' के उद्धोष के साथ बप्पा की धूम-धाम से विदाई की गई। दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का मूर्ति विसर्जन के साथ शुक्रवार को समापन हो गया। गली-मोहल्लों से लेकर घरों व पंडालों में विसर्जन के अवसर पर धूम रही। हर तरफ गाजे-बाजे के साथ बप्पा को विदाई दी गई।

मध्य और पुरानी दिल्ली में विभिन्न स्थानों से शोभा व विसर्जन यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। बच्चों, महिलाएं व बुजुर्ग समेत सभी लोगों में उत्साह के साथ भावुकता देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने ढोल नगाड़ों और भजनों की धुन में जमकर नृत्य करते दिखे।

विसर्जन के दौरान उड़ाया गुलाल

श्रद्धालु श्रद्धा भाव के साथ विसर्जन करते नजर आए। शोभा यात्रा के दौरान श्रद्धालु हवा में खूब गुलाल उड़ाने के साथ एक-दूसरे को रंग लगा रहे थे। अलग-अलग इलाकों में श्रद्धा भाव से सुबह ही मूर्ति विसर्जन का दौर चलता रहा। इस दौरान श्रद्धालु भक्त भक्ति भाव में सराबोर नजर आए।

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कोरोना के दो साल बाद दिखा गणेश चतुर्थी का उत्साह

कोरोना महामारी के दो वर्ष बाद विसर्जन के दौरान श्रद्धालुओं में उत्साह देखते ही बन रहा था। विसर्जन करते हुए श्रद्धालुओं ने ईको फ्रेंडली का संदेश दिया। इस बार अधिकतर लोगों ने मिट्टी से बनी मूर्तियां लाए थे। जो पानी में जल्दी घुल जाती है। किसी ने बड़े बर्तन तो किसी ने कृत्रिम तालाब बनाकर मूर्ति का विसर्जन किया।

गणेश उत्सव 31 अगस्त को शुरू हुआ था।सब्जी मंडी घंटाघर के पास पंजाबी मोहल्ला में नवयुवक मित्र मंडल गणपति वाहिनी ने इलाके में शोभा यात्रा निकालने के बाद धूम-धाम से कृत्रिम तालाब में मूर्ति का विसर्जन किया।

कई जगहों पर किया गया विसर्जन

वाहिनी के चेयरमैन प्रेम प्रकाश ने कहा कि कोरोना महामारी के दो वर्ष बाद भव्य रूप से विदाई दी गई है। वहीं, पहाड़गंज चूना मंडी में श्रद्धालुओं ने बर्तन में विसर्जन किया। इसी तरह झंडेवाला देवी मंदिर में गणपति पूजन के बाद विसर्जन किया गया। यहां गाजे बाजे के साथ मूर्ति का विसर्जन किया गया। इस मौके पर मंदिर के सेवादारों व अधिकारियों ने विषेश रूप से तैयार किये गए तालाब में विसर्जन किया। इस अवसर पर भंडारे का आयोजन किया गया।

गणेश जी बनेंगे पौधा

कश्मीरी गेट के व्यापारी संगठन आटोमोटिव पार्ट्स मर्चेंट एसोसिएशन (अपमा) ने श्रीगणेश को भावभीनी विदाई दी। यहां के गणेश मूर्ति का विसर्जन गमले में किया गया। जिसमें कुछ दिनों में बीज से पौधा निकल आएंगे। अपमा के अध्यक्ष विनय नारंग ने बताया कि ईको फ्रेंडली तीन गणेश जी की मुर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कार्यालय में की गई थी। मिट्टी से बनी इन मुर्तियों में गुलाब के बीज डले हुए हैं, जो विसर्जन के कुछ दिन बाद पौधों का रूप ले लेंगी।

प्रतिबंध के बावजूद यमुना में हुआ मूर्ति विसर्जन

जहां एक तरफ कई श्रद्धालु स्वच्छ पर्यावरण का संदेश दे रहे थे, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग प्रतिबंध के बावजूद यमुना नदी में नियमों को ताक पर रखकर मूर्तियां विसर्जित करते दिखे। आइटीओ यमुना पुल पर एक तरफ सिविल डिफेंस कर्मी मौजूद दिखे, लेकिन पुल की दूसरी ओर कर्मी नदारद रहे। जिससे श्रद्धालु मूर्तियों के साथ पूजन सामग्री को बेखौफ विसर्जित करते नजर आए।

इससे विसर्जन के बाद पुल के किनारों में पूजन सामग्री का जगह-जगह ढेर लग गया। पुल पर कई लोग वहां रहने वाले बच्चों को मूर्ति विसर्जन करने के लेकर रुपये देते दिखे। जिससे बच्चे चोरी-छिपे पुल से मूर्ति को नदी में डालते दिखे। पुल में कई जगह से जालियां टूटी हुई हैं जिससे लोग भी यहां से मूर्ति विसर्जित करते नजर आए।

यमुना नदी में श्रद्धालु दूर-दूर से मूर्ति विसर्जन करने के लिए पहुंचते दिखे। हालांकि, इनमें अधिकतर लोग नियमों से अनजान थे। जिससे बेखौफ होकर मूर्ति विसर्जन शाम तक आते रहे।

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