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मौत का खेल: 5000 में हर तरह की सर्जरी का झांसा, AIIMS से लेकर निजी अस्पतालों तक फैला डॉ. नीरज का मकड़जाल; एक फोटो से भंडाफोड़

लैब टेक्नीशियन से पथरी की सर्जरी कराने वाले अग्रवाल मेडिकल सेंटर संचालक डॉक्टर नीरज अग्रवाल के नेटवर्क का मकड़जाल सरकारी और निजी अस्पतालों तक फैला है। उसके दलाल एम्स सफदरजंग और बड़े निजी अस्पतालों के पास सक्रिय हैं। इन अस्पतालों में जब कोई पथरी का मरीज या डिलीवरी कराने आता था तो ये दलाल सस्ते में सर्जरी कराने का झांसा देकर उन्हें अग्रवाल मेडिकल सेंटर भेज देते थे।

By Edited By: Pooja TripathiUpdated: Fri, 17 Nov 2023 05:12 PM (IST)
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अग्रवाल नर्सिंग होम से पकड़े गए आरोपी और सर्जरी के लिए बृहस्पतिवार को भी पहुंचे थे कुछ लोग।
शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। लैब टेक्नीशियन से पथरी की सर्जरी कराने वाले अग्रवाल मेडिकल सेंटर संचालक डॉक्टर नीरज अग्रवाल के नेटवर्क का मकड़जाल सरकारी और निजी अस्पतालों तक फैला है। उसके दलाल एम्स, सफदरजंग और बड़े निजी अस्पतालों के पास सक्रिय हैं।

इन अस्पतालों में जब कोई पथरी का मरीज या डिलीवरी कराने आता था, तो ये दलाल सस्ते में सर्जरी कराने का झांसा देकर उन्हें अग्रवाल मेडिकल सेंटर भेज देते थे। ये सभी दक्षिणी जिला पुलिस की रडार पर आ गए हैं।

ग्रेटर कैलाश एक स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर पर बृहस्पतिवार को भी कई मरीज अपनी सर्जरी कराने पहुंचे। उन्होंने सेंटर पर ताला लगा देखा और पड़ोसियों की भीड़ देखी तो पूरे मामले का पता चला। पूरे प्रकरण को सुनने के बाद उनके होश उड़ गए और वह वापस लौट गए।

बता दें कि पुलिस ने अग्रवाल मेडिकल सेंटर में लैब टेक्नीशियन और सहायक से सर्जरी कराने के आरोप में संचालक डॉक्टर नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल, डॉक्टर जसप्रीत और फर्जी सर्जन महेंद्र को बुधवार को गिरफ्तार किया था।

भगवान का शुक्र है जान बच गई-सुधा

वसंत विहार कुसुमपुर पहाड़ी निवासी सुधा बृहस्पतिवार को अपने पति राहुल के साथ अग्रवाल मेडिकल सेंटर पर अपनी पथरी की सर्जरी कराने पहुंची थी। उनकी पित्त की थैली में पथरी है। जब सेंटर के बाहर पहुंची तो सेंटर संचालक की करतूत का पता चला। सुधा ने कहा कि वह त्योहारों की वजह से सर्जरी नहीं करा रही थी। भगवान का शुक्र है कि जान बच गई।

सुधा के पति से दलाल ने लिए पांच हजार रुपये

सुधा को भी दीपक नाम के दलाल ने सर्जरी कराने मेडिकल सेंटर भेजा था। सुधा के पति राहुल की मुलाकात दीपक से सफदरजंग अस्पताल के बाहर हुई थी। उसने राहुल से कहा कि सफदरजंग में कई महीनों बाद पथरी की सर्जरी होगी। आरोपित ने राहुल से सुबह ही पांच हजार रुपये लिये थे।

आयुष्मान कार्डधारकों को भी निशाना बनाते थे दलाल

दलाल आयुष्मान कार्ड धारकों को भी अपना निशाना बनाते थे। वह कार्ड धारकों को झांसा देते थे कि वह आयुष्मान के माध्यम से मुफ्त में अग्रवाल मेडिकल सेंटर में सर्जरी करा देंगे। इसके बाद मरीज से आरोपित पांच से दस हजार रुपये कमीशन के रूप में ले लेते थे। राहुल के साथ भी दलाल ने ऐसा ही किया था। राहुल ने मामले की शिकायत थाने में दी है।

दलालों में टैक्सी और आटो चालक भी शामिल

दलालों में टैक्सी व आटो चालक भी शामिल हैं। वह अस्पतालों के बाहर खड़े रहते हैं। जब कोई पथरी से पीड़ित मरीज आता है तो उन्हें नीरज अग्रवाल के सेंटर के बारे में जानकारी देते थे। फिर जल्दी व सस्ता उपचार कराने की बात कहकर सेंटर पर ले जाते थे।

भर्ती होते ही शुरू होता था अवैध कमाई का सिलसिला

मरीज के सेंटर में भर्ती होने के बाद अवैध कमाई का सिलसिला शुरू होता था। फिर मरीज के स्वजन से कभी दवाई तो कभी इंजेक्शन के नाम पर एक से पांच हजार रुपये तक वसूले जाते थे। एक या दो घंटे के अंतराल में आरोपित किसी न किसी बहाने से स्वजन से पैसे ऐंठते थे।

फरीदाबाद के बड़े अस्पताल में काम करता है जसप्रीत

सर्जरी के फर्जी दस्तावेज बनाने वाला आरोपित डॉक्टर जसप्रीत फरीदाबाद के एक बड़े अस्पताल में कार्यरत है। वह मूलरूप से पंजाब के बठिंडा का रहने वाला है। पिछले कई साल से फरीदाबाद में काम कर रहा था। वहीं, दूसरा फर्जी सर्जन महेंद्र मूलरूप से दिल्ली के मायापुरी का रहने वाला है।

पुलिस को महेंद्र के फोटो ने पहुंचाया आरोपितों के गिरेबां तक

आरोपित महेंद्र की एक फोटो ने पुलिस को आरोपितों के गिरेबां तक पहुंचा दिया। जब मृतक असगर अली की सर्जरी की गई तो महेंद्र सेंटर में ही मौजूद था। डॉक्टर जसप्रीत की जगह जब सर्जरी के लिए महेंद्र आया तो असगर के भतीजे को शक हो गया। उसने चुपके से महेंद्र की फोटो खींच ली। इसी फोटो से पुलिस को असगर की सर्जरी के दिन महेंद्र की मौजूदगी का पता चला। फिर महेंद्र के बारे में छानबीन की गई तो सामने आया कि वह पूर्व लैब टेक्नीशियन है।

आयकर विभाग भी करेगा मामले की तहकीकात

आयकर विभाग की तरफ से भी मामले की तहकीकात की जाएगी। पुलिस ने नीरज अग्रवाल के पास से विभिन्न बैंकों के 47 चेकबुक और 54 डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। इसके लिए पुलिस की तरफ से आयकर को पूरे मामले की लिखित में जानकारी दी जाएगी।

अग्रवाल मेडिकल सेंटर व इसके संचालक नीरज अग्रवाल की करतूत सभी को पता चलनी चाहिए, ताकि कोई अन्य मरीज उसके झांसे आकर अपनी जान न गंवा सके। पुलिस को इस रैकेट से जुड़े दलालों का भी पता लगाकर उनकी गिरफ्तारी करनी चाहिए।- राजपाल सिंह, पार्षद, वार्ड श्रीनिवासपुरी

इस मेडिकल सेंटर के बंद होने से कई मरीजों की जिंदगी बच गई। इससे पूरा ग्रेटर कैलाश परेशान था। इसने उपचार केे नाम पर दूर-दूर के लोगों का भरोसा तोड़ा है। सेंटर का लाइसेंस निरस्त होना बहुत आवश्यक है।-संजय आनंद, अध्यक्ष, आरडब्ल्यूए ग्रेटर कैलाश एक

हम कई साल से अग्रवाल मेडिकल सेंटर को बंद कराने का प्रयास कर रहे थे। यहां पर प्रतिदिन मरीजों के साथ कुछ न कुछ गलत होता था। वह दिन-रात चीखते और रोते थे। अब इस सेंटर का लाइसेंस भी रद होना चाहिए।-राजीव काकरिया, सदस्य, आरडब्ल्यूए ग्रेटर कैलाश एक

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