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प्रदूषण पर दिल्ली सरकार का एक्शन, 13 हॉट स्पॉट के लिए बनाया अलग प्लान; हर जोन में तैनात हो नोडल अधिकारी

गोपाल राय ने बुधवार को सचिवालय में हॉट स्पॉट वाले इलाकों में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने को लेकर संबंधित विभागों के साथ बैठक की। इसके बाद प्रेसवार्ता में राय ने बताया कि हर हाट स्पाट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है। इसी आधार पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम किया जाएगा। सभी हॉट स्पॉट के लिए अलग-अलग डीपीसीसी के इंजीनियर को लगाया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Thu, 12 Oct 2023 03:25 PM (IST)
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Delhi: 13 हॉट स्पॉट के लिए बनाया अलग प्लान; हर जोन में तैनात हो नोडल अधिकारी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को सचिवालय में हॉट स्पॉट वाले इलाकों में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने को लेकर संबंधित विभागों के साथ बैठक की। इसके बाद प्रेसवार्ता में राय ने बताया कि हर हॉट स्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है।

इसी आधार पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए 13 समन्वय टीमें भी बनाई हैं एवं एक नोडल विभाग बनाया है। सभी हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग डीपीसीसी के इंजीनियर को लगाया गया है। साथ ही धूल प्रदूषण कम करने के लिए 60 एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

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ये हैं13 हॉट स्पॉट और वहां पर प्रदूषण के कारण और उपाय

1- आनंद विहार: आनंद विहार में एग्जिट रोड पर वाहनों का आवागमन, दिल्ली मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट, एकीकृत पूर्वी दिल्ली हब प्रोजेक्ट, आनंद विहार रेलवे स्टेशन के सामने क्षतिग्रस्त सड़कें, आरओ बी प्रोजेक्ट, आनंद विहार से अप्सरा बार्डर तक, रेलवे स्टेशन के निकास पर भीड़ (जाम की समस्या ) की वजह से प्रदूषण है। समाधान के लिए डीटीआईडीसी, एनसीआरटीसी, एनबीसीसी, पीडब्ल्यूडी, रेलवे और ट्रैफिक पुलिस विभाग की समन्वय टीम बनाई गई है। यहां पर 12 मोबाइल एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

2- अशोक विहार: बायोमास बर्निंग (केशवपुरम मेट्रो स्टेशन के पास), ट्रैफिक जाम (आजादपुर मेट्रो से आजादपुर बस टर्मिनल, आजादपुर चौक, आजादपुर फ्लाईओवर), वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में कच्ची और खुदी हुई सड़कें (जल बोर्ड के काम के कारण), गुजरांवाला टाउन के पास कच्ची सड़क, सड़क पर गड्ढे (आजादपुर गोल चक्कर लाल बाग के पास) प्रदूषण के स्रोत हैं। एमसीडी, ट्रैफिक पुलिस, जल बोर्ड, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली मेट्रो डिपार्टमेंट की समन्वय टीम बनाई है। दो एंटी स्माग गन लगाईं हैं।

3- बवाना: धूल शमन उपायों के बिना बवाना औद्योगिक क्षेत्र के पास यूईआर, निर्माण परियोजना का निर्माण, महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के बाहर अवैध कूड़ा डंपिंग और अस्पताल के बाहर यातायात, पूठ खुर्द रोड पर धूल, दिल्ली-औचंदी रोड के किनारे पीडब्ल्यूडी की सर्विस सड़कों पर सीएंडडी कचरे की अवैध डंपिंग, निर्माणाधीन यूईआर-दो और दिल्ली-औचंदी रोड पर शहीद पार्क से अपना घर आश्रम मोड़ तक भारी जाम प्रदूषण का स्रोत है। एनएचएआई, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, ट्रैफिक पुलिस की समन्वय टीम व दो एंटी स्माग गन लगाईं हैं।

4- द्वारका: द्वारका इलाके में सड़क पर धूल (राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान केंद्र (द्वारका) जहां सीएएक्यूएम स्टेशन स्थापित है, के पास सड़कों पर धूल), सीएएक्यूएम स्टेशन के ठीक सामने डीडीए ग्राउंड में कचरा जलाना और सी एंड डी कचरे की अवैध डंपिंग वायु प्रदूषण का स्रोत है। इसके समाधान के लिए एमसीडी, डीडीए की समन्वय टीम बनाई गई हैं। चार मोबाइल एंटी स्माग गन लगाईं हैं।

5. मुंडका: मानीटरिंग स्टेशन के पास शहरी विस्तार रोड-2 (यूईआर-2) के निर्माण से भारी धूल उत्सर्जन, पास के दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर कच्चे रास्ते और गड्ढों के कारण भारी मात्रा में धूल उड़ना, रानीखेड़ा मोड़ लाल बत्ती से शुरू होने वाले शहीद विक्रांत सिंह लाकड़ा मार्ग के गड्ढों और कच्चे साइड से धूल का उत्सर्जन, दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर यातायात की मात्रा अधिक होने और मुंडका औद्योगिक क्षेत्र मेट्रो स्टेशन चौराहे के नीचे यातायात की भीड़, मुंडका पुनर्विकास क्षेत्र के अंदर कच्ची सड़कें, निकटवर्ती डीएमआरसी कास्टिंग यार्ड और डीएमआरसी आवासीय परिसर के पीछे कच्ची सड़क के अंदर आरएमसी प्लांट का संचालन प्रदूषण का स्रोत है। समाधान के लिए एनएचएआई, एमसीडी, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, डीएसआईआईडीसी, डीएमआरसी की समन्वय टीम बनाई गई है। यहां पर छह मोबाइल एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

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6- जहांगीरपुरी: बायोमास बर्निंग, आईटीआई परिसर के सामने बस टर्मिनल के पास यातायात जाम की समस्या, सड़क के किनारों पर भारी धूल जमा होना, भलस्वा सेनेटरी लैंडफिल भारी कचरा ट्रकों की आवाजाही और कचरे के प्रसंस्करण के कारण उड़ने वाली धूल, डीएमआरसी निर्माण स्थल और कच्ची सड़क, निर्माण एवं विध्वंस संयंत्र, डीएमआरसी कास्टिंग प्लांट वायु प्रदूषण के बड़े स्रोत हैं। यहां पर उिचत एवं प्रभारी समाधान करने के लिए एमसीडी, दिल्ली पुलिस, डीटीसी, डीएमआरसी की समन्वय टीम बनाई गई हैं। चार मोबाइल एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

7-नरेला: डीडीए हाउसिंग प्रोजेक्ट का निर्माण, यूईआर-2 सड़क निर्माण परियोजना, आईटीआई नरेला के अंदर निर्माण गतिविधि, कचरे का डंपिंग, नरेला औद्योगिक क्षेत्र में यातायात की भीड़, विशेषकर ट्रकों की भारी समस्या, नरेला-बवाना रोड पर भारत माता स्कूल से हनुमान मंदिर बवाना तक सड़क पर गड्ढे और सड़क की धूल प्रदूषण का स्रोत है। इसके समाधान के लिए एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, डीटीआईडीसी, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, डीडीए की समन्वय टीम बनाई गई है। दो मोबाइल एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

8- ओखला: मां आनंदमयी मार्ग और ओखला एस्टेट मार्ग की क्षतिग्रस्त सड़क, भारी ट्रैफिक जाम, ओखला चरण-1 में गोदरेज वेस्टमार्क एलएलपी लिमिटेड का निर्माण स्थल प्रदूषण का कारण है। इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की समन्वय टीम बनाई गई है। इसके साथ ही चार मोबाइल एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

9-पंजाबी: मोती नगर फ्लाईओवर का निर्माण, मोती नगर फ्लाईओवर के नीचे भारी ट्रैफिक जाम, रोड नंबर 41 और रोड नंबर 77 पर गड्ढे, राम लीला मैदान पर वाहनों का प्रतिबंध, रोहतक रोड की सर्विस लेन पर सीएंडडी वेस्ट की अवैध डंपिंग वायु प्रदूषण का स्रोत है। इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की समन्वय टीम बनाई गई है। छह मोबाइल एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

10- आरके पुरम: हैवी ट्रैफिक, सड़क की धूल, सड़कों पर गड्ढे, एनबीसीसी की निर्माण साइट प्रमुख स्रोत है। इसके समाधान के लिए एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, एनबीसीसी की समन्वय टीम बनाई गई है। चार मोबाइल एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

11- रोहिणी: सीएएक्यूएमएस से सटे नाले का बहना, वेंकटेश्वर अस्पताल के पास नालियां, आई एंड एफसी भूमि पर कचरा डंपिंग, खुले में कचरा जलाना, शहीद सुखदेव सिंह कॉलेज के निकट वेंकटेश्वर अस्पताल का निर्माण प्रमुख स्रोत है। इसके समाधान के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, एमसीडी की समन्वय टीम के साथ चार एंटी स्माग गन लगाईं हैं।

12- विवेक विहार: योजना विहार की सोसायटियों में निर्माण और विध्वंस गतिविधि, बी-ब्लाक, झिलमिल में टूटी सड़कों के कारण सड़क पर धूल का उड़ना, बी-1/53 झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र के पास कचरा सी एंड डी अपशिष्ट डंपिंग, रेलवे रोड (झिलमिल अंडरपास) के पास सड़कों भारी जाम वायु प्रदूषण का स्रोत है। इसके प्रभावी समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की समन्वय टीम बनाई गई है। यहां चार मोबाइल एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

13- वजीरपुर: बायोमास वर्निग, जाम की समस्या, खुले में मिट्टी की डम्पिंग, सड़कों पर गढ्ढे, निर्माण कार्य वायु प्रदूषण का स्रोत है। इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की समन्वय टीम बनाई गई है। जो निगरानी रखेगी। छह मोबाइल एंटी स्माग गन लगाई गईं हैं।

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