Monkeypox के बढ़ते खतरे को देख दिल्ली सरकार ने उठाया कदम, प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में बनेंगे आइसोलेशन रूम
Delhi Monkeypox Cases राजधानी में अब मंकीपाक्स (Monkeypox Cases) के मामलों की संख्या तीन हो गई है। मंगलवार को एक और नाइजीरियन में इस वायरस की पुष्टि हुई है। दिल्ली सरकार ने तीन निजी और तीन सरकारी अस्पतालों को मंकीपॉक्स के संक्रमण लिए आइसोलेशन रूम बनाने का निर्देश दिया है।
By GeetarjunEdited By: Updated: Tue, 02 Aug 2022 05:10 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली में मंकीपाक्स का खतरा (Monkeypox threat in Delhi) अब गहराने लगा है। राजधानी में अब मंकीपाक्स (Monkeypox Cases) के मामलों की संख्या तीन हो गई है। मंगलवार को एक और नाइजीरियन में इस वायरस की पुष्टि हुई है। वहीं, संक्रमण के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Government) भी इससे निपटने के लिए कदम उठा रही है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, दिल्ली सरकार ने मंगलवार को तीन निजी अस्पतालों को मंकीपॉक्स के संक्रमण लिए 30 आइसोलेशन रूम बनाने का निर्देश दिया है। इनमें कैलाश दीपक अस्पताल (विकास मार्ग एक्सटेंशन), एमडी सिटी अस्पताल (मॉडल टाउन), बत्रा अस्पताल और अनुसंधान केंद्र (तुगलकाबाद) अस्पताल हैं।
वहीं, लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP Hospital) में 20 आइसोलेशन रूम, गुरुतेग बहादुर अस्पताल और डॉ.बाबा साहेब अम्बेडकर अस्पताल में 10-10 रूम बनाए गए हैं। दिल्ली सरकार ने कहा कि राजधानी में 70 आइसोलेशन रूम तैयार किए गए हैं।
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दिल्ली स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि इन अस्पतलों में पांच आइसोलेशन रूम संदिग्ध मरीजों के लिए बनेंगे, जबकि पांच मंकीपाक्स की कन्फर्म मरीजों के लिए बनेंगे।
दिल्ली में तीन हुए मकीपाक्स के मरीज (Delhi Monkeypox Total Cases) मंगलवार को एक और नाइजीरियन में मंकीपाक्स की पुष्टि हुई है। इससे पहले सोमवार को एक और नाइजीरियन में मंकीपाक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वहीं, सबसे पहले 17 जुलाई को मिले मरीज को एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी दे दी हई है। वह अब स्वस्थ हो गया है।
लोकनायक अस्पताल के डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि अब तक नाइजीरिया मूल के दो व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है जबकि दो संदिग्ध मामले हैं। मंकीपॉक्स को लेकर हम रोगी का परीक्षण करने के साथ-साथ जरूरी उपचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स के लिए जांच किया गया रोगी अफ्रीकी उप-महाद्वीप से है और उसके शरीर के कई हिस्सों पर त्वचा के फटने और चकत्ते की शिकायत थी। उसे आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी देखभाल के लिए विशेषज्ञों की एक टीम लगी हुई है।
मंगलवार को राज्य सभा में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है और इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से न घबराने की अपील की, क्योंकि केंद्र सरकार वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय में काम कर रही है।
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