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दिल्ली की अर्थव्यवस्था ने फिर पकड़ी रफ्तार, जीएसटी और वैट से भरने लगा खजाना

जीएसटी और वैट से दिल्ली सरकार का खजाना भरने लगा है। सरकार का वैट और जीएसटी 2023-24 की तुलना में 17.04 प्रतिशत बढ़ा है। यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष के शुरुआती तीन महीनों का है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए दिल्ली सरकार ने 76 हजार करोड़ का बजट पेश किया था। वहीं 58750 करोड़ रुपये कर संग्रह हो सकता है।

By V K Shukla Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 08 Jul 2024 07:50 AM (IST)
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सरकार को राजस्व की चुनौती पार कर लेने की उम्मीद है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली की अर्थव्यवस्था एक बार फिर रफ्तार पकड़ रही है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में दिल्ली सरकार का वैट और जीएसटी 2023-24 की तुलना में 17.04 प्रतिशत बढ़ गया है।

व्यापार एवं कर विभाग के आंकड़ों के अनुसार खजाने में 2023-24 में एक अप्रैल से 30 जून तक मिले 9,831.72 करोड़ रुपये की तुलना में चालू वित्त वर्ष की इसी अवधि में जीएसटी व वैट से 11,507.16 करोड़ रुपये आए हैं। सरकार को उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष में कर संग्रह अनुमानों से अधिक होगा।

ठीक नहीं था पिछला साल

बता दें कि दिल्ली सरकार के लिए जीएसटी संग्रह पिछले साल ठीक नहीं रहा। 2020 में कोरोना के दौरान जीएसटी कम मिला। वहीं 2022 में केंद्र सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति को बंद करने से भी सरकार को बड़ा नुकसान हुआ है।

इससे पहले केंद्र सरकार से करीब 12,000 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिल्ली सरकार को मिल रहे थे। अब यह राशि भी अपने स्तर पर जुटाने की सरकार पर चुनौती है। कुछ समय पहले सरकार ने राजस्व एकत्रित करने वाले सभी विभागों को राजस्व के लिए सतर्क किया था।

लगातार तीन महीने बढ़ा दिल्ली सरकार का कर संग्रह

व्यापार एवं कर विभाग के अनुसार सरकार के खजाने में वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी व वैट से 4,0240.34 करोड़ रुपये आए थे। विभाग के अनुसार दिल्ली सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अप्रैल माह में जीएसटी व वैट से 4,719.15 करोड़ रुपये जुटाए थे, जबकि पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि में 3886.94 करोड़ रुपये आए थे।

इसी प्रकार चालू वित्त वर्ष के मई में 3,191.09 करोड़ रुपये आए, जबकि पिछले वर्ष मई में 3078.98 करोड़ रुपये मिले थे। पिछले वित्त वर्ष के जून में 2,865.80 करोड़ रुपये आए थे, लेकिन चालू वित्त वर्ष के जून माह में 3,596.92 करोड़ रुपये आए हैं।

सरकार का 76 हजार करोड़ रुपये का है बजट

दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 76 हजार करोड़ का बजट पेश किया था, जिसमें से 58,750 करोड़ रुपये कर संग्रह का अनुमान है। इसमें जीएसटी और वैट से 41,000 करोड़ रुपये मिलने अनुमान है, जो कुल कर संग्रह का 70 प्रतिशत है।

वहीं संपत्ति की बिक्री पर स्टांप और पंजीकरण शुल्क से 7,750 करोड़ रुपये, शराब से 6,400 करोड़ रुपये और मोटर वाहनों से 3,600 करोड़ रुपये आने का अनुमान लगाया गया है।

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