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दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम का फॉर्मूला लागू, प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने लिया अहम फैसला

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का फैसला किया है। इस निर्णय के तहत 50% कर्मचारी घर से काम करेंगे। इस पहल के कार्यान्वयन के लिए आज दोपहर 1 बजे सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक होगी। इससे पहले गोपाल राय ने दिल्ली में ऑड-ईवन के भी संकेत दिए थे।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 20 Nov 2024 09:38 AM (IST)
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दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे।

इसके इंप्लीमेंटेशन के लिए सचिवालय में आज यानी बुधवार दोपहर एक बजे अधिकारियों के साथ बैठक होगी।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसकी जानकारी अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करके दी है। इससे पहले मंगलवार को गोपाल राय प्रेस वार्ता करके दिल्ली में ऑड-ईवन नियम लागू करने के भी संकेत दिए थे।

प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए अफसरों को दिए निर्देश

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के तहत सरकार के ग्रेप-4 के लागू हुए नियमों के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने शहर के सभी निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए सभी अभियंताओं को निर्देश दिए हैं।

अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

धूल उत्सर्जन की प्रभावी निगरानी के लिए सभी डिवीजनों के कार्यकारी अभियंताओं को अनिवार्य रूप से अपने कार्यस्थलों की निगरानी करने के लिए कहा गया है। सभी निर्माण स्थलों पर काम इस समय काम बंद करने के लिए कहा गया है, धूल न हो इस दिशा में निरंतर काम करने के लिए कहा गया है।

इसके लिए निर्माण स्थलों पर लगाई गई एंटी स्मागगन काे नियमित चलाने के साथ साथ स्थलों पर किसी तरह से धूल न हो, इसके इंतजाम करने के लिए कहा गया है। अभियंताओं को दिल्ली ई-मानिटरिंग मोबाइल एप पर निरीक्षण का विवरण भी अपलोड करना होगा।

अभियंताओं को धूल प्रदूषण के लिए जिम्मेदार प्रत्येक कारक की जांच करनी होगी और तत्काल उपचारात्मक उपाय करने होंगे। सभी निर्माण स्थलों पर पार्टिकुलेट मैटर और प्रदूषण के स्तर की निगरानी के लिए सेंसर लगाने के साथ-साथ सेंसर डेटा की हर रोज निगरानी करने के आदेश जारी किए गए हैं।

क्या बोले पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी

पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर अभियंता निरीक्षण करने और उपाय करने में विफल रहते हैं तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।निर्देशानुसार निरीक्षण करने में विफलता के मामले में सिस्टम द्वारा उत्पन्न कारण बताओ नोटिस संबंधित अभियंता को भेजा जाएगा।

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पानी का छिड़काव करने के लिए कहा

इस संबंध में किसी भी चूक को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी अधिकारी दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा।उधर सड़कों पर धूल न हाे इसके लिए विभाग के रखरखाव से संबंधित अभियंता काम करेंगे।उन्हें सड़काें पर स्मागगन नियमित चलाने के साथ साथ सड़कों के डिवाइडर के साथ साथ सड़कों के किनारे लगे पेड़ों व आसपास पानी का छिड़काव करने के लिए कहा गया है।

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