अब मात्र 10 हजार रुपये में सीख सकेंगे कार चलाना, दिल्ली सरकार ने नियमों में किए ये बड़े बदलाव
दिल्ली सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया है। सरकार के इस आदेश के अनुसार अब दिल्ली में मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल आसानी से खोले जा सकेंगे। इसका मकसद यह है कि मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलने से वाहन चालक आसानी से प्रशिक्षण ले सकेंगे। वहीं सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि चालक जितने प्रशिक्षित होंगे तो सड़कों पर दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल अब आसानी से खोले जा सकेंगे। सामान्य ट्रेनिंग स्कूल भी भारी वाहन के लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण दे सकेंगे। प्रशिक्षण लेने वालों का सत्यापन आधार कार्ड के माध्यम से किया जाना अनिवार्य किया गया है। इसी से बायोमीट्रिक उपस्थिति भी दर्ज होगी।
दिल्ली सरकार ने किया बड़ा बदलाव
वहीं, वाहन चलाने का प्रशिक्षण देने के साथ कार में जैक व पंक्चर लगाने, स्टेपनी बदलने और प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी अनिवार्य हो गया है। इस संबंध में दिल्ली परिवहन निगम ने आदेश जारी कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि चालक प्रशिक्षित होंगे, तो सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। अभी तक दिल्ली में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलना आसान नहीं था, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने नीति में बदलाव किया है।
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सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मिलेगी मदद
विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कुल आवेदकों में से केवल पांच प्रतिशत ही प्रशिक्षण लेते हैं। यह रोड सेफ्टी के लिए घातक स्थिति है। दिल्ली में अब केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे। लाइसेंस लेने से पहले मोटर ट्रेनिंग स्कूल में कुशल प्रशिक्षण के साथ ही उन्हें यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी। जिससे सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
अब 10 हजार रुपये में मिल जाएगा प्रशिक्षण
बताया गया कि अब केवल 10 हजार रुपये में ही प्रशिक्षण केंद्र का लाइसेंस मिल जाएगा और इतना ही लाइसेंस नवीनीकरण पर खर्च होगा। जबकि पहले 40 से 50 हजार रुपये तक लगते थे। दिल्ली में अभी अधिकतर प्रशिक्षण केंद्र अवैध रूप से चल रहे हैं। वर्ष 1990 में 100 वैध ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र होते थे, जो अब सिर्फ 12 रह गए हैं।
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यह दुर्भाग्य है कि देश की राजधानी में पिता, दोस्त या पड़ोसी की मदद से युवा वाहन चलाना सीख रहे हैं। पांच प्रतिशत से भी कम लोग ड्राइविंग का कुशल प्रशिक्षण लेते हैं। जबकि सरकार को यह अनिवार्य करना चाहिए। इससे सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकेगा। दिल्ली में अच्छे प्रशिक्षण केंद्रों की कमी है। दिल्ली सरकार ने नियमों को सरल बना दिया है, यह अच्छी शुरुआत है। - अनिल छिकारा, परिवहन विशेषज्ञ
अब कोई भी केंद्र व्यावसायिक वाहन चलाने के लिए भी प्रशिक्षण दे सकेगा। नियम सरल बनाने से दिल्ली में अधिक प्रशिक्षण केंद्र खुल सकेंगे। दिल्ली में करीब 200 प्रशिक्षण केंद्रों की जरूरत है, मगर इस समय करीब 12 के पास ही लाइसेंस है। मेरी अपील है कि माता-पिता प्रशिक्षण केंद्रों से ही बच्चों को वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिलाएं। ड्राइविंग प्रशिक्षण खुद और दूसरों की जिंदगी से जुड़ा मुद्दा है। - पवन कुमार गौतम, अध्यक्ष, आल दिल्ली मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एसोसिएशन
नियमों में ये बदलाव किए गए
- ट्रेनिंग स्कूल के लाइसेंस के लिए 500 वर्ग फीट जगह की अनिवार्यता समाप्त की गई।
- ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण के लिए व्यावसायिक वाहन की अनिवार्यता हटाई गई।
- प्रशिक्षण के लिए वाहन में डुअल ब्रेक, क्लच, प्लेट आदि अनिवार्य किया गया।
- प्रशिक्षण के लिए आवश्यक माडल, सिग्नल, चार्ट व सड़क योजना बोर्ड उपलब्ध कराने होंगे।
- यातायात संकेत चार्ट के माध्यम से नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा।
- प्रशिक्षुओं को वाहन के प्रशिक्षण के अलावा यातायात नियमों के बारे में पारंगत किया जाएगा।
- परिवहन विभाग के जिला स्तर के अधिकारी (डीटीओ) को ही केंद्र के लिए लाइसेंस देने का अधिकार है।
- केंद्र का नया लाइसेंस या नवीनीकरण का शुल्क 10 हजार रुपये होगा।
- अब प्रशिक्षण के लिए चालक नहीं बल्कि डिप्लोमा प्राप्त मोटर मैकेनिक होना अनिवार्य होगा।
-कार के रखरखाव, पंक्चर लगाना, स्टेपनी बदलना व प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी अनिवार्य है।