Delhi News: फंड की कमी से जूझ रही दिल्ली सरकार! विधानसभा में आतिशी ने कहा- हालात खराब होते जा रहे...
फंड की कमी से जूझ रही दिल्ली सरकार का सदन में दर्द दिखा। मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में संशोधित कानून लागू होने के बाद से अधिकारी काम ठप कर रहे हैं। प्रधान वित्त सचिव फंड जारी नही कर रहे हैं। हालात खराब होते जा रहे हैं। जल बोर्ड का ही 1200 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया है ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं हैं।
By V K ShuklaEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Mon, 18 Dec 2023 09:25 PM (IST)
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली। फंड की कमी से जूझ रही दिल्ली सरकार का सदन में दर्द दिखा। विधानसभा अध्यक्ष से लेकर मंत्री, विधायक तक फंड की कमी से परेशान दिखे। किसी ने कहा कि जानबूझ कर काम रोके जा रहे हैं तो किसी ने कहा कि उनके क्षेत्र में काम के लिए पैसा नहीं दिया जा रहा है।
अधिकारी काम ठप कर रहे हैं- आतिशी
वित्त मंत्री आतिशी ने भी यही बात दोहराई, उन्होंने कहा कि दिल्ली में संशोधित कानून लागू होने के बाद से अधिकारी काम ठप कर रहे हैं। प्रधान वित्त सचिव फंड जारी नही कर रहे हैं। हालात खराब होते जा रहे हैं। जल बोर्ड का ही 1200 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया है, ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं हैं। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए सत्ता पक्ष के प्रस्ताव पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव एसी वर्मा को सदन में उपस्थित होने का दो बार निर्देश दिया, वह नहीं पहुंचे तो गोयल ने उनकी अनुपस्थिति का मामला विशेषाधिकार समिति को भेज दिया है।
वित्त विभाग के प्रधान सचिव तलब
दोपहर के भोजन से पहले विधानसभा ने सदन के लिए निर्धारित सरकारी धन में कथित रूप से बाधा डालने के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव को दोपहर दाे बजे तलब करने का प्रस्ताव पारित किया था। विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि प्रधान वित्त सचिव वर्मा द्वारा धनराशि स्वीकृत नहीं किए जाने के कारण इस वर्ष दीवाली और छठ पर विधानसभा के वार्षिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा सके। दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि क्रिसमस व नए साल पर भी समारोह आयोजित नहीं किया जा सकेगा।आम आदमी पार्टी के मुख्य सचेतक दिलीप पांडेय ने वर्मा को विधानसभा में बुलाने का प्रस्ताव पेश पेश किया। लंच के बाद जब विधानसभा सत्र दोबारा शुरू हुआ तो वित्त मंत्री आतिशी ने यह मुद्दा उठाया।उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कोई साजिश चल रही है। वित्त विभाग दिल्ली विधानसभा से संबंधित फाइलों को कानून विभाग को भेजता है। कानून विभाग ने 40 से अधिक फाइलों पर लिखा है कि विधानसभा से संबंधित कोई भी फाइल उनके पास नहीं आनी चाहिए।
वित्त विभाग निर्देशों का पालन नहीं करता- आतिशी
उन्होंने कहा कि 1993 से दिल्ली विधानसभा की फाइलें वित्त विभाग को भेजी जा रही थीं, लेकिन अब वह कह रहा है कि फाइलें उन्हें नहीं भेजी जानी चाहिए। आतिशी ने यह भी दावा किया कि वित्त मंत्री होने के बावजूद वित्त विभाग उनके निर्देशों का पालन नहीं करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम के लागू होने के बाद अधिकारी मंत्रियों की बात सुनने से इनकार कर रहे हैं। दिल्ली के अधिकारियों को चुनी हुई सरकार के खिलाफ हथियार बना दिया गया है।उन्होंने बताया कि विभागों के लिए फंड जारी नहीं हो रहा है। अकेले जल बोर्ड का ही 1200 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया है। यह राशि भी पहले किए गए काम की है। पुराना भुगतान नहीं होने पर ठेकेदार काम करने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने वित्त मंत्री की हैसियत से पांच बार फाइल पर वित्त विभाग के प्रधान सचिव को लिखा कि अगर जल बोर्ड में बजट को लेकर कोई मिसमैनेजमेंट हुआ है अधिकारियों के नाम बताएं, उन पर कार्रवाई होगी। मगर वित्त विभाग के प्रधान सचिव चुप होकर बैठे हैं, मगर कोई जवाब नहीं दे रहे।
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