केजरीवाल सरकार ने स्कूलों के लिए जारी की एसओपी, छात्रों से कोरोना के लक्षणों के बारे में रोजाना पूछेंगे शिक्षक
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राजधानी दिल्ली के तमाम स्कूलों में क्वारंटाइन रूम उपलब्ध होना चाहिए। इसके साथ ही शिक्षक प्रतिदिन छात्रों और उनके परिवार के सदस्यों में कोविड से संबंधित लक्षणों के बारे में पूछेंगे और फिर उसके उपचार के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
By Pradeep ChauhanEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2022 02:03 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में राजधानी दिल्ली के स्कूलों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। यानी केजरीवाल सरकार ने एसओपी जारी की है और इसके तहत ही स्कूलों का संचालन किया जाएगा।
एसओपी के अनुसार सभी स्कूलों में क्वारंटाइन रूम उपलब्ध होना चाहिए। इसके साथ ही शिक्षक प्रतिदिन छात्रों और उनके परिवार के सदस्यों में कोविड से संबंधित लक्षणों के बारे में पूछेंगे। कोरोना से संबंधित कोई भी मामला मिलता है तो उसकी रोकथाम के लिए आगे का कदम उठाया जाएगा।
दरअसल पिछले दिनों दिल्ली एनसीआर के स्कूलों में कई बच्चों में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए थे। स्कूलों में छात्रों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद फिर से चिंता बढ़ने लगी है। कुछ दिनों में दिल्ली के साथ-साथ नोएडा-गाजियाबाद में कोरोना तेजी से फैल रहा है। इसमें खास बात यह है कि कोरोना वायरस स्कूलों में ऐसे समय में बढ़ रहा है जब बच्चे दो साल के बाद स्कूल जाना शुरू ही किए हैं। दिल्ली में एक हफ्ते में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2.70 प्रतिशत पहुंच गई है. गाजियाबाद में जयपुरिया स्कूल में 10वीं का एक छात्र फिर आज कोरोना पॉजिटिव मिला था जिसके बाद स्कूल को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। तीन निजी स्कूलों के 1-1 स्टूडेंट्स समेत 20 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
बच्चों को इन बातों का रखना होगा विशेष ध्यान
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- एसओपी के मुताबिक स्कूल में बच्चे लंच बॉक्स और किताबें साझा नहीं कर सकेंगे।
- बच्चों को स्कूल में जाते समय थर्मल स्कैनिंग करानी होगी। इसके बिना स्कूलों में एंट्री नहीं होगी।
- छात्रों की हर दिन अपने स्वास्थ्य के बारे में बताना होगा। परिवार के सदस्यों के बारे में रोजाना जानकारी देनी होगी।
- सभी स्कूलों में अलग से क्वारंटाइन रूम बनाया जाएगा।
- छात्रों का टीकाकरण उनकी उम्र के हिसाब से अनिवार्य किया जाएगा।
- स्कूल से निकलते वक्त या स्कूल में प्रवेश करते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
- बच्चों को फेस मास्क भी लगाना जरूरी होगा।