Delhi News दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार जल्द ही ऑड-ईवन नियम लागू कर सकती है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संकेत दिए हैं कि अगर जल्द ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार नहीं हुआ तो यह कदम उठाया जा सकता है। सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi News प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार जल्द ही राजधानी में ऑड-ईवन नियम लागू कर सकती है। इसके संकेत पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार नहीं हुआ तो यह कदम भी उठाया जा सकता है और सरकार की ओर से प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।राय ने कहा है कि सरकार विशेषज्ञों की सलाह और आवश्यकताओं के आधार पर ऑड-ईवन नियम को फिर से लागू करने पर अंतिम फैसला लेगी।
गोपाल राय ने कहा कि हम अपने स्तर पर सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। हम हर चीज की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।राय ने कृत्रिम वर्षा का फिर जिक्र किया, कहा कि इससे प्रदूषण हट सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि तेज हवा से भी प्रदूषण हट सकता है।
गोपाल राय ने चौथी बार लिखा पत्र
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने चौथी बार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर कृत्रिम बारिश के लिए मंजूरी मांगी है। राय ने कहा कि प्रदूषण को कम करने और नागरिकों की मदद के लिए आपातकालीन उपाय के रूप में दिल्ली में कृत्रिम बारिश की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा था कि ऑड-इवेन लागू करने के संदर्भ में विशेषज्ञों से विमर्श करने व सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि आप सरकार दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।पत्रकार वार्ता के दौरान गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण में वृद्धि के लिए पराली का एक महत्वपूर्ण कारक रहा है। पंजाब में जब 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो उस समय 15 अक्टूबर से 17 नवंबर के बीच पराली जलने की कुल 47 हजार घटनाएं रिपोर्ट हुई थी।
पंजाब को लेकर क्या बोले गोपाल राय
उन्होंने कहा कि पंजाब की सरकार ने बहुत काम किया और इसका परिणाम यह हुआ कि 2024 में 15 अक्टूबर से 17 नवंबर के बीच केवल साढ़े सात हजार घटनाएं हुई हैं। जबकि इसी दौरान उत्तर प्रदेश में 2022 में पराली जलाने की कुल ढेड हजार घटनाएं हुई थीं, जो आज बढ़कर ढाई हजार हो गई है।राय ने कहा कि एक तरफ हम पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में करीब 80 प्रतिशत की कमी लाने में सफल हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
यह भी पढ़ें- कोहरे का कहर: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर खड़ी डीसीएम से कारों की भीषण टक्कर, एक व्यक्ति घायलराय ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने जिम्मेदारी लेते हुए सभी संबंधित राज्यों के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्ययोजना बनाई होती ताे आज दिल्ली के लोगों और पूरे उत्तर भारत के लोगों को यह दिन नहीं देखना पड़ता।
मंत्री को भेजा था पत्र
उन्होंने कहा कि अगस्त में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को इस बाबत पत्र भेजा था। आग्रह किया गया था कि वह सभी संबंधित केन्द्रीय एजेंसियों, राज्यों, दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर ऐसी कार्ययोजना बनाएं। कहा था कि हवा की गति कम होने और ठंढ बढ़ने से स्मॉग की चादर बन जाती है तो उसे तोड़ने के लिए कृत्रिम वर्षा कराई जा सके। लेकिन आज ढाई महीने बाद भी एक बैठक बुलाने का समय नहीं मिला।
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