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Delhi: 5 साल में दो लाख लोग हो गए बुजुर्ग, पेंशन स्कीम से नहीं जुड़ा कोई नाम; दर-दर भटक रहे लोगों की नहीं सुन रही सरकार

दिल्ली में बुजुर्ग पेंशन धारकों का कोटा नहीं बढ़ पा रहै है ऐसे में दिल्ली में नए बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल पा रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले पांच साल में एक भी नए बुजुर्ग की पेंशन नहीं बंधी है। जबकि इस दौरान बुजुर्गों की जो रिक्तियां हुई हैं वे भी नहीं भरी गई हैं। सीधे तौर पर देखा जाए तो 100790 रिक्तियां हैं।

By V K Shukla Edited By: Pooja Tripathi Updated: Tue, 26 Dec 2023 03:07 PM (IST)
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दिल्ली में पिछले पांच साल में एक भी नए बुजुर्ग की पेंशन नहीं बंधी है। फाइल फोटो

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में बुजुर्ग पेंशन धारकों का कोटा नहीं बढ़ पा रहै है, ऐसे में दिल्ली में नए बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल पा रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले पांच साल में एक भी नए बुजुर्ग की पेंशन नहीं बंधी है। जबकि इस दौरान बुजुर्गों की जो रिक्तियां हुई हैं वे भी नहीं भरी गई हैं।

एक अनुमान के अनुसार इस समय दो लाख के करीब ऐसे नए बुजुर्ग हैं जो पेंशन के हकदार हैं, विधायकों और निगम पार्षदों के कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद अब कई बुजुर्ग शांत हाेकर बैठ गए हैं तो कई अभी भी अपनी जंग जारी रखे हुए हैं।

सरकार से नहीं मिल सका जवाब

समाज कल्याण विभाग के अधिकारी उन्हें यह जवाब दे रहे हैं कि यह नीतिगत मामला है, सरकार इस बारे में फैसला लेगी। उधर सरकार से इस बारे में जब पक्ष मांगा गया जो मिल नहीं सका है।

दिल्ली में पिछले छह साल से बुजुर्गों की नई पेंशन नहीं बंध पा रही है। इससे पहले 17 अक्टूबर 2018 को सरकार के एक आदेश में नई पेंशन के लिए आवेदन करने का अधिकार क्षेत्र के विधायक की लॉगइन से कर दिया गया था।

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद बंद हैं आवेदन

इसका मतलब यह था कि जाे भी व्यक्ति विधायक की लॉगइन से आवेदन करवाएगा उसी की ही पेंशन बंध सकेगी। मगर इसके विराेध में कुछ लोग हाईकोर्ट चले गए।

हाईकोर्ट ने एक आदेश में इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि विधायक की लॉगइन से नहीं नई पेंशन के लिए आवेदन करने का अधिकार सार्वजनिक कर दिया जाए।

लगभग उसी समय से पेंशन के लिए नए आवेदन बंद हैं। समाज कल्याण विभाग ने एक आरटीआई में माना है कि दिल्ली में वृद्धावस्था पेंशन की कुल रिक्तियां पांच लाख 30 हजार हैं मगर वर्तमान में चार लाख 29 हजार 210 को ही पेंशन मिल रही है।

एक लाख सात सौ 90 रिक्तियों पर नहीं मिल पा रही पेंशन

यानी सीधे तौर पर देखा जाए तो एक लाख सात सौ 90 रिक्तियां हैं। इस हिसाब से इतने बुजुर्गों को पेंशन मिल सकती है। मगर समाज कल्याण विभाग कह रहा है कि नई पेंशन के लिए उसके पास रिक्तियां नहीं हैं।

इस बारे में आरटीआई लगाने वाले हरपाल सिंह राणा कहते हैं कि 2018 से पहले तक प्रति वर्ष प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से छह सौ नए बुजुर्गों की पेंशन बांधी जाती थी। वह कहते हैं कि बुजुर्ग दर-दर भटक रहे हैं। वह मांग करते हैं कि जब भी किसी बुजुर्ग की पेंशन बांधी जाए तो उसे उसके 60 साल पूरे होने के समय से पेंशन दी जानी चाहिए।

पेंशन के लिए भटक रहे हैं बुजुर्ग

गोसाईं सिंह

गोसाई सिंह 65 वर्ष हैं, पिछले तीन साल से पेंशन के लिए भटक रहे हैं। उनका कहना है कि विधायक कार्यालय और समाज कल्याण विभाग के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। मगर सभी जगह से यही जवाब मिलता है नई पेंशन बंद है। वह कहतेे हैं कि आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, समझ नहीं आ रहा है क्या करें।

अशोक कुमार आहुजा

अशोक कुमार आहुजा 63 वर्ष के हैं, स्वरूप नगर में रहते हैं। वह कहते हैं कि एक प्राइवेट फर्म में काम करते थे, तीन साल पहले सेवानिवृत्त हो गए, अब पैसे का कोई जरिया नहीं है। दो साल से इसी कोशिश में हैं कि पेंशन बंध जाए, मगर बात नहीं बन पा रही है।

कछिंदी बाबू

नत्थूपुरा के कादी विहार निवासी 74 वर्षीय कछिंदी बाबू पिछले पांच साल से पेंशन के लिए धक्के खा रहे हैं।मगर पेंशन नहीं बंध पा रही है।समाज कल्याण विभाग जाते हैं तो अधिकारी कहते हैं कोटा पूरा हो चुका है, जब खाली होगा तब पेंशन बंध सकेगी।

फूलवती

नत्थूपुरा के कादी विहार निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग फूलवती पिछले दो साल से विधायक के कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं।वह कहती हैं कि अब कोई काम धंधा भी नहीं है। इस उम्मीद में सभी जगह जा रही हैं कि शायद पेंशन बंध जाए, म गर सभी जगह से निराशा ही हाथ लग रही है।

इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बात की है-माेहिंदर गोयल

आम आदमी पार्टी के नेता व रिठाला से विधायक माेहिंदर गोयल कहते हैं कि नए बुजुर्गों काे पेंशन न मिल पाने से सरकार चिंतित है। उन्होंने भी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात की है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इसे शुरू कराया जाएगा।

वहीं आप के महरौली से विधायक नरेश यादव कहते हैं कि सरकार बहुत कुछ करना चाहती है। मगर अधिकारियों की ओर से अड़ंगे लगाए जा रहे हैं। काम रोके जा रहे हैं और जानबूझ कर जनता को परेशान किया रहा है। बुजुर्गों की नई पेंशन का मुद्दा भी इसी से जुड़ा है।

पेंशन की रिक्तियां भी नहीं भरी जा रहीं-विजेंद्र गुप्ता

भाजपा नेता व रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता कहते हैं कि 2018 के बाद से नई पेंशन बंद हैं।वह कहते हैं अगर कोटा पूरा हो चुका है तो इसे बढ़ाया जाना चाहिए, बजट में अतिरिक्त पेंशन के लिए प्रविधान किया जाए, मगर सरकार का इस पर ध्यान नहीं है। यहां तक कि इस बीच पेंशन की जो रिक्तियां हुई हैं वे भी नहीं भरी जा रही हैं।बुजुर्ग इससे परेशान हो रहे हैं।वे इस मुद्दे को विधानसभा सदन में भी उठा चुके हैं।

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