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Delhi News: दिल्ली सरकार ने पानी और सीवर की समस्या को लेकर दिए जांच के आदेश, आतिशी बोलीं- जवाबदेही तय की जाएगी

दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने बताया कि पानी और सीवर की समस्या पर अधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने बीते एक साल से इस समस्या के बनने के कारणों की जांच के भी आदेश दिए ताकि अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा सके। उन्होंने कहा कि जल बोर्ड शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग के बीच तालमेल न होने समस्या हो रही है।

By sanjeev Gupta Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 15 Mar 2024 08:25 PM (IST)
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जल मंत्री आतिशी ने पानी और सीवर की समस्या को लेकर दिए जांच के आदेश।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पानी और सीवर की समस्याओं पर बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में शुक्रवार को सदन में मुख्य सचिव अधिकारियों समेत पेश हुए। उन्होंने दीर्घकालिक समाधान की रिपोर्ट भी जल मंत्री आतिशी को सौंप दी। आतिशी ने विधानसभा को बताया कि पानी और सीवर की समस्या पर अधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने बीते एक साल से इस समस्या के बनने के कारणों की जांच के भी आदेश दिए ताकि संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जा सके।

चर्चा के दौरान सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने अपने-अपने इलाके की समस्याओं को रखा और जल मंत्री आतिशी ने उसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह में जलापूर्ति और सीवरेज को लेकर इतने काम हो सकते हैं तो पिछले छह माह से बंद क्यों थे?

दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए: आतिशी

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से जल बोर्ड, शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग के बीच तालमेल न होने का खामियाजा दिल्ली निवासी भुगत रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस दौरान सीवर ओवर फ्लो, दूषित जल, लीकेज संबंधित समस्याओं के तात्कालिक और दीर्घकालीन समाधान को लेकर संकल्प पत्र रखा गया, जिसे विधानसभा ने ध्वनि मत से पास किया।

अपर यमुना बोर्ड में भी इस मुद्दे को उठाया गया

आतिशी ने यह भी साझा किया कि दिल्ली में पानी की कमी को दूर करने के लिए सरकार हिमाचल प्रदेश से बात कर रही है और अपर यमुना बोर्ड में भी इस मुद्दे को उठाया गया है। उन्होंने कहा, दिल्ली में बहुत से इलाके ख़ासतौर पर यमुना के आसपास के इलाके और उत्तरी दिल्ली में भूजल का स्तर अच्छा है और पानी की गुणवत्ता भी ठीक हैं। ऐसे में सरकार द्वारा भूजल स्तर बढ़ाने का प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी मुख्य सचिव द्वारा व्यक्तिगत रूप से ली गई है।

सदन में पेश संकल्प पत्र की मुख्य बातें:

1. मुख्य सचिव पानी और सीवर की समस्याओं के अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान की निगरानी और पर्यवेक्षण करना जारी रखेंगे।

2. भूजल से जल संसाधनों की वृद्धि के लिए एक विस्तृत योजना बनाई जाएगी।

3. टैंकर की कमी की शिकायतें भी सामने आ रही है, इसलिए पहले जितनी संख्या में पानी के टैंकरों को बहाल किया जाए। मुख्य सचिव क्षेत्रीय विधायकों से परामर्श के बाद ही टैंकरों की संख्या कम करे।

4. चूंकि दिल्ली के कई हिस्सों में बरसाती नाले के अभाव में सीवर ओवरफ्लो का सामना करना पड़ता है, इसलिए मुख्य सचिव इस समस्या के समाधान के लिए एमसीडी के साथ समन्वय करेंगे।

5. बरसाती नाले के मुद्दे का समाधान होने तक, दिल्ली भर में सीवर ओवरफ्लो को रोकने के लिए सीवर सफाई मशीनों की संख्या और कितनी आवृत्ति के साथ सीवर की सफाई और गाद निकालने की आवश्यकता है, इसका आकलन करने की आवश्यकता है।

6. सभी ट्रंक और परिधीय सीवरों से गाद निकालने का काम समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए।

7. एक्शन टेकन रिपोर्ट में निविदा प्रक्रिया में बताए गए कार्यों के अवार्ड किए जाने और समापन के संबंध में समय-सीमा प्रदान करने की आवश्यकता है।

8. मुख्य सचिव जल बोर्ड, शहरी विकास विभाग और वित्त के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करें, ताकि पानी और सीवरेज जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रभावित न हों।

9. मुख्य सचिव उपरोक्त सभी मुद्दों के साथ-साथ लंबित शिकायतों पर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे। 22 मार्च को सदन की बैठक में मुख्य सचिव इस पर एक रिपोर्ट देंगे।

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