दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा 351 सड़कों का मुद्दा
दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सीलिंग के मुद्दे को मजबूती से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखने के लिए दिल्ली सरकार ने वकील अरविंद दातार और पराग त्रिपाठी की सेवाएं ली हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली सरकार ने 351 सड़कों को सीलिंग से बचाने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में यह मुद्दा रख दिया है। सरकार का कहना है कि जैसे ही सुप्रीम कोर्ट स्वीकृति देगा, इन सड़कों को अधिसूचित कर दिया जाएगा। दिल्ली सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि इनमें से 72 सड़कों का सर्वे रिकार्ड नगर निगमों से नहीं मिला है। इसलिए इन सड़कों को छोड़कर अन्य सड़कों के बारे में अनुमति प्रदान कर दें ताकि इन सड़कों को अधिसूचित किया जा सके।
इस संबंध में दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सीलिंग के मुद्दे को मजबूती से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखने के लिए दिल्ली सरकार ने वकील अरविंद दातार और पराग त्रिपाठी की सेवाएं ली हैं। उन्होंने कहा कि सीलिंग को लेकर मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस दौरान भाजपा और कांग्रेस के तरफ से बड़े वकील को रखने की मांग की गई थी। सरकार ने इस मांग को पूरा कर दिया है। अब दिल्ली विकास प्राधिकरण को भी अपना पक्ष रखने के लिए बड़े वकील की सेवा लेनी चाहिए। वहीं कोर्ट से लगी फटकार के संबंध में सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने मास्टर प्लान में बदलाव किए थे। उसके संबंध में एफिडेविट देने के बाद ही दिल्ली सरकार अपना पक्ष रख सकती थी।
दिल्ली की 351 सड़कों के अधिसूचित नहीं किए जाने पर भाजपा लगातार दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को घेर रही थी। इन सड़कों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया जा सका था। जबकि इन सड़कों को भी 2007 में ही अधिसूचित हो जाना था। उस समय के बाद सीलिंग की ठंडे बस्ते में गई कार्रवाई के चलते यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया था। अब पिछले चार माह से सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनीटरिंग कमेटी की निगरानी में सीलिंग चल रही है।
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