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Supreme Court की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने RRTS कॉरिडोर के लिए जारी किए 150 करोड़

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने आरआरटीएस के लिए 150 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए पहली किस्त के रूप में यह राशि जारी की गई है। इस महीने सुप्रीम कोर्ट ने अलवर और पानीपत तक आरआरटीएस गलियारे के लिए धन नहीं देने को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी।

By V K Shukla Edited By: Sonu SumanUpdated: Thu, 28 Dec 2023 07:54 PM (IST)
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दिल्ली सरकार ने RRTS कॉरिडोर के लिए 150 करोड़ जारी किए।

राज्य ब्यूराे, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने आरआरटीएस के लिए 150 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए पहली किस्त के रूप में यह राशि जारी की गई है।

दिल्ली सरकार को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-रेवाड़ी-अलवर और दिल्ली-सोनीपत-पानीपत आरआरटीएस कारिडोर के लिए छह सालों में अपने हिस्से की कुल 6,119 करोड़ रुपये का भुगतान करना है, जिसमें से सरकार ने निर्माणाधीन दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के निर्माण में अपने योगदान की पूरी 1180 करोड़ रुपये दे चुकी है।

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गलियारे के लिए धन नहीं देने पर लगी फटकार

सरकार ने अब अन्य दो आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण के लिए भी अपने हिस्से की धनराशि जारी करनी शुरू कर दी है। इस महीने सुप्रीम कोर्ट ने अलवर और पानीपत तक आरआरटीएस गलियारे के लिए धन नहीं देने को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। आरआरटीएस परियोजना के तहत दिल्ली को उत्तर प्रदेश में मेरठ, राजस्थान में अलवर और हरियाणा में पानीपत से जोड़ने के लिए सेमी-हाई स्पीड रेल गलियारे का निर्माण किया जा रहा है।

एनसीआर के शहरों से जुड़ेगी दिल्ली 

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम (एनएसीआरटीसी) आरआरटीएस परियोजना का कार्यान्वयन कर रहा है, जो केंद्र और शामिल राज्यों के बीच एक संयुक्त उपक्रम है। इस कॉरिडोर से राष्ट्रीय राजधानी एनसीआर के शहरों से सीधे जुड़ जाएगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा ने पहले ही अपने हिस्से का भुगतान कर दिया है।

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