दिल्ली सरकार में फेरबदल: तीन माह में दूसरी बार घटा सौरभ भारद्वाज का कद, आतिशी लगातार हो रहीं 'पावरफुल'
मात्र तीन माह के अंतराल के बाद एक बार फिर दिल्ली सरकार के मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया गया है। बड़े घटनाक्रम के तहत मंत्री सौरभ भारद्वाज से जल मंत्रालय ले लिया गया है और इसे आतिशी को दे दिया गया है। उधर भारद्वाज को आतिशी के तीन विभाग दे दिए हैं। मगर ये जल बोर्ड से कम महत्वपूर्ण हैं। ये पर्यटन कला और संस्कृति विभाग हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मात्र तीन माह के अंतराल के बाद एक बार फिर दिल्ली सरकार के मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया गया है। बड़े घटनाक्रम के तहत मंत्री सौरभ भारद्वाज से जल मंत्रालय ले लिया गया है और इसे आतिशी को दे दिया गया है।
उधर भारद्वाज को आतिशी के तीन विभाग दे दिए हैं। मगर ये जल बोर्ड से कम महत्वपूर्ण हैं। ये पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में एलजी वी के सक्सेना को प्रस्ताव भेज दिया है।
तीन माह में दूसरी बार
तीन माह में यह दूसरी बार है जब सरकार में भारद्वाज का कद घटा है। अब भारद्वाज के पास महत्वपूर्ण विभागों में केवल स्वास्थ्य विभाग बचा है, जबकि आतिशी का कद लगातार बढ़ रहा है। इसके पीछे विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य के साथ काम करने का उनका तरीका माना जा रहा है।
विभागों को दूसरे मंत्रियों से लेकर दिए जा रहे विभाग
पिछले छह महीने में सरकार के पांच प्रमुख विभागों का जिम्मा दूसरे मंत्रियों से लेकर आतिशी को दिया गया है। इससे पहले गत 12 अगस्त को एलजी ने दिल्ली सरकार के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिसमें भारद्वाज से लेकर सेवा और सतर्कता विभाग आतिशी को सौंपे गए थे।
इससे पहले किए गए एक अन्य फेरबदल में गत 30 जून को आतिशी को वित्त, योजना और राजस्व विभाग सौंपे गए थे।ये विभाग उस समय कैलाश गहलोत देख रहे थे।
12 विभाग रहेंगे आतिशी के पास
इस फेरबदल के बाद आतिशी के पास अब 14 की जगह 12 विभाग रहेंगे, मगर सरकार के अब स्वास्थ्य विभाग को छोड़कर लगभग सभी महत्वपूर्ण विभाग आतिशी के पास आ गए हैं। आतिशी अब जल, पीडब्ल्यूडी, वित्त, राजस्व, योजना, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, बिजली, सेवा, सतर्कता, जनसंपर्क और प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा विभाग हैं।
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कालकाजी से विधायक आतिशी ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के माध्यम से राजनीति में प्रवेश किया था। आतिशी और सौरभ भारद्वाज को मार्च में दिल्ली कैबिनेट में उस समय शामिल किया गया था, जब पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जेल जाने के बाद अपना इस्तीफा दे दिया था।
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