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सोमवार को होनेवाली GST काउंसिल की मीटिंग का विरोध करेगी दिल्ली सरकार, मंत्री आतिशी ने गिनाए कारण

दिल्ली सरकार सोमवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक का विरोध करेगी। सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस को मिलने वाले रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी लगाने जा रही है जिसका वह विरोध करेगी। साथ ही सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार 2000 से कम ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के पेमेंट गेटवे पर भी 18% जीएसटी लगाने का प्रस्ताव ला रही है जिसका भी वह विरोध करेगी।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 08 Sep 2024 06:32 PM (IST)
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सोमवार को होनेवाली GST काउंसिल की मीटिंग का विरोध करेगी दिल्ली सरकार।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की मंत्री और आप नेता आतिशी ने कहा कि सोमवार को जीएसटी काउंसिल की होनेवाली बैठक का दिल्ली सरकार विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि यह मीटिंग रिसर्च और गेटवे पेमेंट पर लगने वाले GST को लेकर होगी, जिसका वह विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मोदी सरकार द्वारा एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस को मिलने वाले रिसर्च ग्रांट पर GST लगाने का विरोध करेगी।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार दोगलेपन की सरकार है। एक तरफ मोदी सरकार डिजिटल ट्रांजेक्शन और कैशलैस इकोनॉमी को बढ़ावा देने की बात करती है। वहीं सभी 2000 से कम ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के पेमेंट गेटवे पर भी 18% GST लगाने का प्रस्ताव ला रही है। दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के इन दोनों प्रस्ताव का विरोध करेगी। 

शैक्षणिक संस्थानों को जीएसटी न चुकाने पर नोटिस जारी

उन्होंने कहा कि ज्यादातर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पेमेंट गेटवे के माध्यम से ही होते हैं। हमारे देश में ज्यादातर व्यापार और स्टार्टअप्स भी पेमेंट गेटवे पर ही निर्भर है। उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार इस पर GST लगाती है तो इसका असर उनके व्यापार और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगस्त 2024 में देश के कई शैक्षणिक संस्थानों को GST नहीं चुकाने पर केंद्र सरकार ने कारण बताओ नोटिस दिया था।

 दुनिया का कोई भी देश रिसर्च पर टैक्स नहीं लगाता: आतिशी

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी और IIT Delhi समेत तमाम विश्वविद्यालयों को 2017 से 2024 तक मिलने वाले रिसर्च ग्रांट्स पर GST लगाने की मांग कर रही है। दुनिया का कोई भी देश रिसर्च अनुदान पर टैक्स नहीं लगाता है। केंद्र सरकार ने रिसर्च अनुदान की राशि कम कर दी है, अब जब शिक्षण संस्थान निजी या विदेशी संस्थानों के माध्यम से स्वयं अनुदान जुटा रहे हैं, तो केंद्र सरकार उन अनुदानों पर भी जीएसटी लगाना चाहती है। 

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