अगर नहीं आता पैनिक अटैक तो डिप्टी डायरेक्टर लूटता रहता मासूम की आबरू, विश्वास की आड़ लेकर किया रिश्तों का कत्ल
दिल्ली सरकार में जिस शख्स को महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली थी उसी शख्स ने ऐसा शर्मनाक काम किया है जिससे न सिर्फ सरकारी तंत्र से भरोसा उठता है बल्कि दोस्ती का रिश्ता भी शर्मसार हो गया है। दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उपनिदेशक पद पर तैनात अधिकारी अपने ही स्वर्गवासी दोस्त की बेटी को महीनों तक हवस का शिकार बनाता रहा।
By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Mon, 21 Aug 2023 06:06 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर की दरिंदगी की कहानी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। विश्वास की आड़ लेकर एक शख्स ने न सिर्फ रिश्तों का बेरहमी से कत्ल कर दिया, बल्कि दिल्ली के दामन पर कुछ ऐसे दाग छोड़ दिए हैं, जिन्हें मिटाना आसान नहीं होगा। हैरानी की बात ये है कि इस घिनौने खेल में आरोपित का साथ उसकी पत्नी भी दे रही थी, जो खुद एक महिला है।
2020 से शुरू हुई कहानी
साल 2020 में पीड़िता ने अपने पिता को खो दिया, जिसके बाद वह बेहद गुमसुम रहने लगी थी। तब वह 16 साल की थी और 9वीं कक्षा में पढ़ती थी। आरोपित अधिकारी उसके पिता का दोस्त है और लड़की को गम से उबारने के बहाने 2020 अक्तूबर में अपने साथ ले गया।
इसके बाद धीरे-धीरे वह बच्ची को ढांढस बंधाने के नाम पर उसके करीब आया। फिर साल 2020 के नवंबर, दिसंबर और जनवरी 2021 में लगातार उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। फरवरी 2021 में बच्ची को पता चला कि वह गर्भवती है।
आरोपित की पत्नी ने दी गर्भपात की दवा
उत्तरी जिला के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि यह बात पीड़िता ने अपनी आंटी यानी आरोपित की पत्नी को बताई। उसकी पत्नी ने बच्ची को अपना मुंह बंद रखने की धमकी दी, इसके साथ ही उसे अबॉर्शन की दवा भी दी।इसके बाद से ही बच्ची की तबीयत खराब रहने लगी। इस बीच बच्ची की मां आई और वह अपनी मां के साथ अपने घर वापस चली गई।
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