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Delhi Assembly: मार्शलों को कैसे निकाला गया है... मामले को लेकर विधानसभा में चर्चा प्रस्ताव लाएगी दिल्ली सरकार

Delhi Assembly सदन में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी कहा कि दिल्ली में बसों में सुरक्षा को दृष्टि में रखते हुए बस मार्शल के पदों को खत्म करने के एलजी के आदेश पर सरकार विधानसभा में चर्चा प्रस्ताव लाएगी। भारद्वाज ने कहा कि जिस तरह से मार्शलों को निकाला गया है हम उस पर चर्चा करना और प्रस्ताव लाना चाहते हैं।

By sanjeev Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 20 Feb 2024 11:15 AM (IST)
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Delhi Assembly: मार्शलों को लेकर विधानसभा में चर्चा प्रस्ताव लेकर आएगी सरकार

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार मार्शलों को लेकर दिल्ली विधानसभा में एक चर्चा प्रस्ताव लाएगी। दरअसल सोमवार को विधानसभा में सत्तापक्ष के सदस्य राजेंद्र पाल गौतम ने अस्थाई कर्मचारियों को पक्का करने का मुद्दा विधानसभा में उठाया और मार्शलों को निकाले जाने के मुद्दे पर एक प्रस्ताव भी लाने की मांग की।

इस पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मार्शलों को कैसे निकाला गया है, हम इस पर प्रस्ताव लाकर चर्चा करवाने के पक्ष में हैं। नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि इन कर्मचारियों के साथ हमारा पूरा सहयोग है और रहेगा।

वहीं, सदन में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी कहा कि दिल्ली में बसों में सुरक्षा को दृष्टि में रखते हुए बस मार्शल के पदों को खत्म करने के एलजी के आदेश पर सरकार विधानसभा में चर्चा प्रस्ताव लाएगी। भारद्वाज ने कहा कि जिस तरह से मार्शलों को निकाला गया है, हम उस पर चर्चा करना और प्रस्ताव लाना चाहते हैं। नेता विपक्ष बिधूड़ी से यही निवेदन है कि वो तैयारी करके आएं कि उन बच्चों के लिए आप एलजी व केंद्र सरकार से क्या करवा सकते हैं।

मार्शलों को आप सरकार ने हटा दिया- रामवीर सिंह बिधूड़ी

बिधूड़ी ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में बसों में काम कर रहे 10 हजार से ज्यादा मार्शलों को आप सरकार ने हटा दिया, लेकिन उनकी वापसी के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया और वे भटक रहे हैं। बिधूड़ी ने डीटीसी में अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों, अतिथि शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों का मामला विधानसभा में उठाया।

उन्होंने कहा कि डीटीसी में काम कर रहे ड्राइवर-कंडक्टर, स्कूलों में काम कर रहे 20 हजार अतिथि शिक्षकों, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर्स और होम गार्ड को नियमित करने के लिए केजरीवाल सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया।

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